सत्यदर्शन साहित्य.….अतिथि सम्पादक वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.संजय अलंग की कलम से…उत्कर्ष असीम आया है,हर्ष नवीन लाया है ,वर्ष नवीन आया हैं

डॉ. संजय अलंग छत्तीसगढ़ संस्कृति में रचे बसे ऐसे साहित्यकार है जिनकी साहित्य रचनाएं विभिन्न विधाओं में पाठको को आकर्षित करती है।कविता कहानियों में साहित्यिक विचारों की फसल को इतना पौष्टिक बनाया है कि आने वाली पीढियां अपनी मानसिक सेहत मजबूत बनाती रहेंगी।यकीनन साहित्य में समय की धारा को परिवर्तित करने की क्षमता है।वर्तमान में साहित्यकार IAS श्री डॉ. संजय अलंग जी अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर के प्रभारी कुलपति व Divisional commissioner bilaspur के पद पर पदस्थ है।

उत्कर्ष असीम आया है
हर्ष नवीन लाया है
वर्ष नवीन आया हैं

स्पंदनों में आमोद हैं
धरा में प्रमोद हैं
जीवन में आनंद हैं

प्रसन्न हैं खग विहंग
फैली अल्हाद की तरंग
छायी चहुँ ओर उमंग

अतुल हैं आस
कुंठा का हो सन्यास
विपुल हो विकास

तुण्ड हैं धवल
मन हैं चपल
वर्ष हैं नवल


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