इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल:स्पेस में कामयाब हुए अब समंदर में आगे निकलना है…PM मोदी ने वैज्ञानिकों से कहा- साइंस और टेक्नोलॉजी अगर सब तक न पहुंचें, तो ये अधूरे हैं

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (IISF)- 2020 की शुरुआत की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उन्होंने कहा कि आप सबसे ज्यादा कौन जानता होगा कि साइंटिफिक नजरिया डेवलप करने के लिए बचपन से बेहतर समय नहीं होता है। देश को नेशनल एजुकेशन पॉलिसी मिल चुकी है।

उन्होंने कहा कि साइंस और टेक्नोलॉजी अगर सब तक न पहुंचे, तो ये अधूरे हैं। अब आउटलुक और रिसर्च पर फोकस है। ऐसा माहौल बनाने की कोशिश भी की जा रही है, जिससे टॉप क्वालिटी टीचर्स का पूल तैयार हो सके। ये हमारे नए साइंटिस्ट को मदद करेगी। एजुकेशन सेक्टर में ये जो बदलाव किए जा रहे हैं, इन्हें पूरा करने के लिए अटल मिशन शुरू किया गया है।

‘स्पेस में कामयाब हुए अब समंदर में आगे निकलना है’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जिस तरह हमने स्पेस सेक्टर में कामयाबी हासिल की है, वैसे ही हमें समुद्र की गहराई में भी कामयाब होना है। इस दिशा में भारत डीप ओशियन मिशन चला रहा है। हमारी सभी कोशिशें भारत को साइंटिफिक लर्निंग के लिए सबसे भरोसेमंद सेंटर बनाने के मकसद से हो रही हैं। साथ ही, हम चाहते हैं कि हमारी साइंटिफिक कम्युनिटी ग्लोबल टेलेंट के साथ शेयर हो और आगे बढ़े।

भारत के पास साइंस, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन की समृद्ध विरासत है। हमारे वैज्ञानिकों ने इस सेक्टर में नई लकीरें खींची है। हमारी टेक इंडस्ट्री दुनिया की समस्याओं को हल करने में सबसे आगे है, लेकिन भारत और ज्यादा करना चाहता है।

कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन भी शामिल हुए। मशहूर गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की जयंती पर शुरू हुआ यह फेस्टिवल 25 दिसंबर को भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर खत्म होगा। समापन समारोह को उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू संबोधित करेंगे।

केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने छठे इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि विज्ञान के लिए साल 2020 काफी अहम है। हर्षवर्धन ने कहा कि IISF एक सालाना आयोजन है। यह भारत सरकार की पहल पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, विदेश मंत्रालय, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद और विज्ञान भारती के साथ ही बड़ी संख्या में अन्य संगठनों के सहयोग से आयोजित किया जाता है।

आत्मनिर्भर भारत और विश्व कल्याण के लिए विज्ञान’ इस साल की थीम
इस साल के कार्यक्रम की थीम ‘आत्मनिर्भर भारत और विश्व कल्याण के लिए विज्ञान’ है, जो आत्मनिर्भर भारत अभियान के लक्ष्य को पूरा करने के लिए वैज्ञानिक और तकनीकी प्रयासों के योगदान का प्रदर्शन करेगा। इस साइंस फेस्टिवल में बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स, टीचर्स, वैज्ञानिक, रिसर्चर, उद्यमी और कारीगर हिस्सा लेंगे।

इस बार वर्चुअल आयोजित हो रहे इस फेस्टिवल के लिए 1 लाख से ज्यादा लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। चार दिनों के इस फेस्टिवल में 41 अलग-अलग कार्यक्रम होंगे। इनमें 13 नए कार्यक्रमों को भी शामिल किया गया है। गेम्स और खिलौने का भी एक सेशन रखा गया है, जिसका फोकस भारतीय खिलौने का एक बाजार विकसित करना है।

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