समाज सेवी सांयतु राम सोड़ी हल्बी में लोगों को सीखा रहे जीवन के गुर,हल्बी में करते हैं,प्रवचन व विभिन्न कर्मकांड,पूरे क्षेत्र में है उनकी ख्याति

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छत्तीसगढ़ बस्तर में आज भी हल्बी भाषा लोक भाषा है | जहां गांवों में कई भाषाविद और हल्बी भाषा के मर्मज्ञ हैं,जो परदे के पीछे भाषा के प्रचार-प्रसार कर अपनी महती जिम्मेदारी निभा रहे हैं | जहां बस्तर की संस्कृति परंपरा और यहां की वादियां सबको मोह लेती हैं वैसे ही यहां हल्बी हर किसी को लुभाती है | कोंडागांव जिला मुख्यालय से महज 6 किमी दूर पर ग्राम उमरगांव अ है | जहां सांयतू राम सोड़ी रहते हैं | सांयतू राम सोड़ी धर्म के प्रकांड विद्वान के साथ-साथ ही हल्बी के उम्दा उद्घोषक हैं | जिन्होंने आस-पास के कम से कम सौ गांव में अपनी अप्रतिम छाप छोड़ी है | वह धर्म शास्त्र के जानकार के साथ-साथ क्षेत्र में लोगों के अपने सद कर्म के कारण पूजा पाठ धर्म प्रवचन से सराबोर करते रहे हैं | सांयतु राम सोड़ी जी विशेष कर शनि पूजा के लिए क्षेत्र में जाने जाते हैं,जिससे क्षेत्र में उनकी छबि शनि पूजा के मर्मज्ञ के रूप में है | हल्बी भाषा में लोक बोलियों के माध्यम से कथा करते हैं और लोगों की आस्था उनकी कथाओं में है | उम्र की आठ दशक पार कर चुके सांयतु राम सोड़ी हल्बी लोक भाषा में धर्म प्रचार के साथ-साथ शालीनता और शांति से लोगों को सदकर्म की शिक्षा देते हैं |

हल्बी भाषा के प्रकाण्ड विद्वान सांयतु राम सोड़ी से चर्चित अन्तर्राष्ट्रीय खोजी लेखक युवा हस्ताक्षर विश्वनाथ देवांगन उर्फ मुस्कुराता बस्तर की खास खोजी बातचीत हम आपके सामने जल्द प्रस्तुत करेंगे |

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