कमलेश यादव,रायपुर: जिंदगी आजकल चंद लम्हों में गुजर रही है | आइए,इसकी खुशबू,सुर,ताल,लयबद्ध ध्वनित और झलकियां स्मृतियों में इकट्ठी कर लें | तस्वीरें इन्हीं यादों का जीता जागता (विजुअल) संग्रहालय हैं। वर्ल्ड फोटोग्राफी डे के मौके पर आज हम बात करेंगे ऐसी ही शख्सियत के बारे में जिनकी धड़कनों में फोटोग्राफी बसती है। डिजिटल युग में हर कोई फोटोग्राफर है,लेकिन रचनात्मक फोटोग्राफी की यदि बात करें तो उनकी हरेक तस्वीरें बोला करती हैं। लोक संस्कृति की खान खूबसूरत राज्य छ्त्तीसगढ़ के भिलाई शहर में रहने वाले रमजान खान जिनके लिए तस्वीर खुदा के इबादत से कम नही हैं।उन्होंने अपने जीवन मे नेगेटिव से डिज़िटल तक के सफर को बखूबी तय किया हैं। रमजान खान फोटोग्राफी के साथ ही बेहतरीन व्यक्तित्व के धनी हैं। एक बार किसी से मुलाकात हो जाये तो,बस दिल जीत लिया करते हैं।
मुझे याद हैं वर्षों पहले बाढ़ पीड़ितों की तस्वीर। यूं तो,ये एक साधारण सी फ़ोटोग्राफी लगेगी,लेकिन गौर कीजिए तो पाएंगे,इसके पीछे का मर्म। हजारों लोगों तक मदद पहुँचना वो भी तब जब उनको वास्तव में मदद की जरूरत हैं। न जाने चित्रों ने कितने लोगों का जीवन बदला हैं। रमजान खान की फोटोग्राफी अद्भुत है। कई फ़ोटो ऐसे भी हैं,जो अंधेरे समय में प्रकाश पुंज बनकर हाजिर हो गए हैं, प्रेरणा का सार्थक स्रोत बने हैं।उनकी तस्वीरें हताशा के क्षणों में उम्मीद की किरण दिखाती हैं,सकारात्मकता भरा हाथ बढ़ाती हैं।
वर्तमान में फ़ोटो की अहमियत सिर्फ एलबम तक नहीं सिमटी हैं। कहते है कि न जाने क्या क्या,कितनी शिद्दत के साथ बयां कर देती हैं,फ़ोटोग्राफ्स। यादों के बिंब यूं तो मस्तिष्क के खानों में कैद रहते हैं,लेकिन तस्वीरों की दुनिया में इन्हें पूरी सहजता और सरलता के साथ सुरक्षित संरक्षित रखा जाता है।
रमजान खान की तस्वीरें वास्तविकता के काफी करीब होती हैं। वक्त का पहिया कभी थमता नहीं। जिंदगी की गाड़ी के पहिये आगे बढ़ते ही जाते हैं। इस पूरे सफर में कई लम्हे ऐसे आते हैं,जो तरह तरह की याद दे जाते हैं। इनमें से कईं यादें दोहराते हुए हम गदगद हो उठते हैं। सचमुच फोटोग्राफी का अपना विशिष्ट शास्त्र हैं।आप बेहतरीन फ़ोटो के सफर में जाना चाहते हैं,तो फोटोग्राफी के गुर सीखने के लिए रमजान खान से संपर्क कर सकते हैं।
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