भारत के एक शख्स ने लॉकडाउन के दौरान अपने खाली वक्त का ऐसा इस्तेमाल किया है कि उसे पूरी दुनिया सराह रही है। दरअसल अपने खाली वक्त में शख्स ने ऐसी साइकिल बनाकर तैयार की है जिसके पीछे पूरी दुनिया पागल हो गई है। इस खास साइकिल को बनाने में 4 महीने का वक्त लगा है। साइकिल की डिजाइन की खूब तारीफ हो रही है।
धनीराम ने खाली वक्त में प्रयोग करने की ठानी जिंदगी हमेशा प्रयोग करते रहने का नाम है। कई लोग प्रयोग करते हुए कुछ ऐसे काम कर जाते हैं जिसके लिए उन्हें दुनिया सलाम करती है। ऐसा ही काम किया है पंजाब के जिरकपुर में रहने वाले धनीराम ने। लॉकडाउन के कारण खाली वक्त का इस्तेमाल करते हुए धनीराम ने लकड़ी की साइकिले बनाई हैं।
लकड़ी की साइकिल का डिजाइन कागज पर उतारा एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार धनीराम ने अपने खाली समय का इस्तेमाल कुछ अलग करने में लगाया और वह इसमें सफल भी हो गए। धनीराम ने बताया कि मैं लॉकडाउन में खाली था तो मन में एक साइकिल बनाने का डिज़ाइन आया जिसे मैंने पेपर पर उतारा और खुद ये साइकिल तैयार करने में जुट गया।
पहले दो प्रयासों में सफलता हासिल नहीं हुई धनीराम ने बताया कि पेपर पर डिजाइन बनाने के बाद इसे अमल में लाने के लिए प्लाई का इस्तेमाल करते हुए साइकिल बनाई। लेकिन, प्लाई से बनी साइकिल कमजोर होने के साथ ही सही नहीं बनी थी। इसके बाद धनीराम ने दूसरे प्रयास में मजबूत लकड़ी का इस्तेमाल करते हुए साइकिल बनाने की कोशिश शुरू की
4 महीने की कोशिश के बाद बना ली वुडेन साइकिल धनीराम ने दूसरे प्रयास में साइकिल बनाई लेकिन वह भी उनकी उम्मीदों और पैमानों पर खरी नहीं उतरी। इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और साइकिल बनाने के तीसरे प्रयास में जुट गए। इस प्रयास में वह जैसी साइकिल चाहते थे वैसी बनाने में कामयाब हो गए। धनीराम ने बताया कि उन्हें यह साइकिल बनाने में पूरे 4 महीने का वक्त लगा है।
वुडेन साइकिल के दीवाने हुए लोग धनीराम ने कहा कि साइकिल बनाने के बाद वह राइडिंग करते हुए बाहर निकले तो लोगों ने उन्हें खूब सराहा। लेकिन, जो लोग पहले मुझे कहा करते थे कि लकड़ी काटकर समय बर्बाद करता रहता है वह भी अब तारीफ करते नहीं थक रहे हैं। सोशल मीडिया के जरिए जैसे जैसे साइकिल लोगों के सामने आई वे सराहना करते गए। वह कहते हैं कि अब उनकी साइकिल के पीछे दुनिया पागल है।
मुख्य ढांचा, हैंडल और बास्केट लकड़ी से बनाए धनीराम ने अपनी साइकिल में सामान्य साइकिल के पहियों और सीट का इस्तेमाल किया है। जबकि, मुख्य ढांचा यानी फ्रेम पूरी तरह लकड़ी से बनाया है। हैंडल, मडगार्ड और बास्केट भी लकड़ी का बना हुआ है। लकड़ी के फ्रेम को फिट करने के लिए लोहे के नटबोल्ट और स्क्रू का इस्तेमाल किया गया है।
1817 में बनी थी पहली वुडेन साइकिल लकड़ी यानी वुडेन साइकिल बनाने का इतिहास काफी पुराना है। पहली बार 1817 में वुडेन साइकिल वजूद में आई थी। तब की साइकिल पूरी तरह से लकड़ी की बनी होती थी। लेकिन, धीरे धीरे इसके पहिए रबड़ के बनने लगे ओर मॉडर्न साइकिल हमारे सामने है।