अपने लिए तो घर सभी बनाते हैं लेकिन केरल में रहने वाले बुजुर्ग पति-पत्नी उम्र के इस दौर में भी अपने लिए नहीं, बल्कि गरीबों से लिए मकान बनाकर उन्हें दान कर रहे हैं। 80 साल के कोराट्टी वर्गीस और उनकी पत्नी फिलोमेना ने गरीबों को अपना घर दान में दे दिया।
यह कपल घर के अलावा अपनी विरासत में मिली जमीन पर भी घर बना रहा है ताकि वहां गरीब व बेसहारा लोग रह सकें। उनका कहना है कि वे 15 अगस्त तक घर बनाकर लोगो को सौंप देंगे। कोराट्टी सेना में ड्राइवर और उनकी पत्नी स्कूल में टीचर रह चुकी हैं।
हर प्लॉट की कीमत 7 लाख
22 साल की उम्र में कोराट्टी सेना में भर्ती हुए और 15 साल बाद वे रिटायर हो गए। उन्होंने आर्मी सप्लाय कोर के साथ काम किया। सेना में रहते हुए उन्होंने 1965 में भारत-पाक युद्ध, 1971 बांग्लादेश युद्ध में भी हिस्सा लिया था। उनके मुख्य सड़क पर बने हर प्लॉट की कीमत 7 लाख है।
वर्कर्स भी दिन-रात मेहनत कर रहे
काेराट्टी ने अपनी टिंबर शॉप पर रखी लकड़ी का इस्तेमाल घर बनाने में किया है। उनके इस काम को पूरा करने में अन्य वर्कर्स भी दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। कोराट्टी कहते हैं घर बनाने में मैंने क्वालिटी के साथ बिल्कुल समझौता नहीं किया है। विरासत में मिली इस जमीन को कोराट्टी ने दान करने का फैसला किया।
उनके इस काम में पत्नी फिलोमेना ने भी उनका साथ दिया। कोराट्टी के अनुसार मैंने बचपन से ही गरीबी देखी है इसलिए मुझे गरीबों का दुख पता है। आर्थिक तंगी के चलते मैं अपनी पढ़ाई भी पूरी नहीं कर सका। मेरे छ: भाई-बहनों में से दो इस दुनिया में नहीं रहे। मैं तीन बहनों का इकलौता भाई था। इसलिए मैंने घर की जिम्मेदारी कम उम्र में ही संभाल ली।
मेरी पत्नी ने मेरा हमेशा साथ दिया
उन्हीं दिनों की यादें मुझे आज भी गरीबों की मदद करने के लिए प्रेरित कर रही हैं। इस काम में मेरी पत्नी ने मेरा हमेशा साथ दिया। अपनी बाकी बची कुछ जमीन पर वर्गीस कपल ओल्ड एज होम बनाने का सपना देखते हैं। वे कहते हैं मुझे नहीं मालूम कि मेरा ये सपना पूरा भी होगा या नहीं।