राजनांदगांव:केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कांग्रेस नेता आफताब आलम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीतियों के कारण सीमा में तैनात जवानों की जान पर बन आई, वहीं देश के हर नागरिक की जान कोरोना में बरती गई लापरवाही से खतरे में है। मोदी सरकार देशवासियों की स्वास्थ्य की रक्षा के उपायों की चिंता को दरकिनार कर लगातार अपनी स्वयं की राजनीतिक ब्रांडिंग करते हुए गैर-भाजपाई राज्य सरकारों को अस्थिर करने का प्रयास कर रहे हैं, उनकी यह जानलेवी सत्तापिपासा घोर निंदनीय है। आलम ने कहा कि एक राष्ट्रप्रमुख होने के नाते उनका कदम गैर जिम्मेदारना है।
आज यह विषय पूरे देशवासियों के समक्ष है कि जब कोई राष्ट्र प्रमुख राष्ट्रीय आपदा अधिनियम की धज्जियां उड़ाए तो क्या ऐसे में उन पर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए, जहां ऐसे विषम परिस्थितियों में आम आदमी जरूरी आवश्यकताओं के लिए जरा भी लाकडाऊन का उल्लघंन करते पाया जाता है, तो प्रशासनिक नमुाईदें लाठियां और डंडे बरसाने से नहीं चुके रहे है।
श्री आलम ने कहा कि मोदी देशवासियों के सामने लगातार झूठ बोल रहे है। 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को मुफ्त भोजन देने की बात कही थी, जबकि सच्चाई यह है कि मात्र सवा दो करोड़ों मजदूरों को ही भोजन मिला। लगातार गिरती अर्थव्यवस्था को संभालने का कोई सार्थक प्रयास नहीं हो रहा है। परिणामस्वरूप आज 4 करोड़ लोग तीन माह के भीतर गरीबी रेखा के नीचे चले गए है।
प्रधानमंत्री मोदी का गरीब कल्याण एक तरह से जुमला साबित हुआ है। भारत में कुल निर्माण श्रमिक 5 करोड़ है। जिसमें से सिर्फ डेढ़ करोड़ श्रमिकों को ही नगद लाभ प्राप्त हुआ। श्री आलम ने कहा कि ऐसे कोरोनाकाल के विकट परिस्थितियों में भी मोदी चुपके से देश के सार्वजनिक उपक्रमों का बेचे जा रहे है।
उन्होंने कहा कि कोरोना के लिए भारत द्वारा 70 वर्षो में अर्जित वैज्ञानिक और चिकित्सकीय अनुसंधानों एवं विकास के ऊपर उन्होनें थाली बजाकर और दिया जलाकर प्रश्रचिन्ह लगा दिया। यह निश्चित रूप से भारत के लिए दुर्भाग्यपूर्ण क्षण था। आज हर आम आदमी उनके लगातार प्रजातंत्र, सार्वजनिक उपक्रम के ऊपर किए गए प्रहारों की निंदा करता है।