गांव में कोई मोबाइल का नेटवर्क नहीं..रोज पहाड़ पर चढ़कर अपनी ऑनलाइन क्लास अटेंड कर रहा है छात्र…पढ़ाई के प्रति लगन को देखकर पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने ट्वीट कर मदद करने की बात कही है…

1555

ऑनलाइन क्लास करने के लिए एक छात्र 2 किलोमीटर दूर पहाड़ों पर चढ़कर सुबह 8 बजे जाता है और कुर्सी-टेबल लगाकर भरी दोपहर में 1 बजे तक पढ़ाई करता है. यह सब इसलिए क्योंकि घर में नेटवर्क ही नहीं आता. छात्र की पढ़ाई के प्रति लगन को देखकर पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने ट्वीट कर मदद करने की बात कही है.

पूरे देश में 4 महीनों से लगातार कोविड-19 का कहर चल रहा है. इसी बीच ऑनलाइन एजुकेशन शुरू हो गई है लेकिन ग्रामीण इलाकों में यह एक बड़ा चैलेंज है. राजस्थान के बाड़मेर जिले का रहने वाला हरीश जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर गांव में रहता है. ऑनलाइन क्लासेस चल रही हैं लेकिन गांव में कोई मोबाइल का नेटवर्क नहीं आता. इसलिए रोज 2 किलोमीटर दूर पहाड़ों पर चढ़कर सुबह 8 बजे से 1 बजे तक 40 से 45 डिग्री के तापमान में अपनी ऑनलाइन क्लास अटेंड कर रहा है.

इतनी बड़ी कठिनाई के बावजूद भी हरीश का मनोबल सातवें आसमान पर देखते हुए विश्व के मशहूर क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग हरीश की मदद के लिए आगे आए हैं. यह जानकारी वीरेंद्र सहवाग ने ट्वीट के माध्यम से दी.

राजस्थान के बाड़मेर जिले के दरुड़ा गांव के रहने वाला हरीश कुमार जिले के पचपदरा स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय में कक्षा सातवीं का विद्यार्थी है. कोविड-19 के चलते स्कूल बंद है. डेढ़ महीने से लगातार ऑनलाइन क्लास शुरू है.

जब हरीश ने ऑनलाइन क्लास के लिए इंटरनेट ऑन किया तो इंटरनेट की कनेक्टिविटी नहीं थी. लिहाजा हरीश ने तय किया कि वह अपनी किसी भी हाल में पढ़ाई नहीं छोड़ेगा. हरीश ने तय किया कि वह रोज सुबह जल्दी उठकर 2 किलोमीटर पहाड़ी पर जाकर टेबल और कुर्सी के साथ अपनी क्लास अटेंड करेगा.

हरीश बताता है कि गांव में इंटरनेट की कनेक्टिविटी नहीं है लेकिन वह किसी भी हाल में अपनी कोई भी क्लास मिस नहीं करना चाहता. इसलिए उसने यह सफर तय किया है. दिक्कत तो बहुत है लेकिन हौसले पूरे बुलंद हैं. मैं रोज सुबह 8 बजे से दोपहर 1 बजे तक पहाड़ पर जाकर पढ़ाई करता हूं.

हरीश के पिता वीरमदेव बताते हैं कि आज भी ग्रामीण इलाकों में फोन की कनेक्टिविटी नहीं है, जिसके चलते वह शिक्षा से वंचित हैं. ऐसे में सरकार को ऑनलाइन एजुकेशन की व्यवस्था के लिए इंटरनेट कनेक्टिविटी को दुरुस्त करवाना चाहिए ताकि कोविड-19 में भी ग्रामीण इलाकों के बच्चे पढ़ लिख सकें और शिक्षा से दूर न हो.

Live Cricket Live Share Market