देश में कोरोना वायरस की स्थिति को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और आईसीएमआर (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) ने राज्यों को जांच क्षमता बढ़ाने को कहा है। इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्रालय में सचिव प्रीति सूदन और आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने राज्यों को एक संयुक्त पत्र भी लिखा है।
Union Health Secretary Preeti Sudan & ICMR DG Dr Balram Bhargava have written to all States to ramp up testing capacity. #COVID19 pic.twitter.com/OzUdbqfUJo
— ANI (@ANI) July 20, 2020
पत्र में कहा गया है, ‘देश में कोविड-19 का प्रसार बढ़ता जा रहा है और विभिन्न आर्थिक गतिविधियों को शुरू किए जाने के बाद वर्तमान स्थिति और चुनौतीपूर्ण हो गई है। देश में 1200 से ज्यादा कोविड-19 जांच प्रयोगशालाओं में अब तक 1.18 करोड़ कोरोना नमूनों की जांच की जा चुकी है। बदलती हुई स्थिति की मांग यह है कि जांच की मांग में किसी तरह की बढ़ोतरी होने पर इसे नियंत्रित करने के लिए जांच क्षमताओं को बढ़ाने की आवश्यकता है।’
जांच क्षमताओं को कैसे बढ़ाया जाए, इस पत्र में इसका भी उल्लेख किया गया है। पत्र के मुताबिक, ‘कोरोना जांच की क्षमता बढ़ाने के लिए और प्रयोगशालाओं को जोड़ा जा सकता है और वर्तमान में जिन प्रयोगशालाओं में जांच हो रही है वहां की क्षमताओं को बढ़ाने पर काम किया जा सकता है। इसके लिए एक रणनीति भी तैयार की गई है, जिसमें राज्य सरकारों के साथ केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों और वैज्ञानिक संस्थाओं के समन्वयित प्रयासों की जरूरत है।’
जांच क्षमता बढ़ाने के लिए दिए गए ये सुझाव
राज्य और केंद्र सरकार के दायरे में आने वाले रिसर्च और शैक्षणिक संस्थानों में उपलब्ध आरटी-पीसीआर मशीन को अस्थायी रूप से जिला अस्पतालों और टेस्टिंग लैब में लगाया जाए। इससे हर सरकारी लैब में एक अतिरिक्त मशीन होगी। राज्य सरकारों से इस संबंध में एक रोडमैप तैयार करने का अनुरोध किया गया है।
देश में 281 सरकारी मेडिकल कॉलेज एमसीआई (मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया) से मान्यता प्राप्त हैं। इनमें से 263 को आईसीएमआर की ओर से जांच के लिए अनुमति दी गई है। बचे हुए 13 कॉलेज भी जांच की अनुमति दी जा सकती है। इसके लिए उन्हें दो आरटी-पीसीआर मशीनों, अन्य आवश्यक उपकरण और प्रशिक्षित स्टाफ की व्यवस्था करनी होगी।
देश में एमसीआई से मान्यता प्राप्त 261 निजी मेडिकल कॉलेज हैं। इनमें से 76 कॉलेजों को जांच करने की अनुमति दी गई है। बाकी बचे निजी कॉलेजों को भी सरकारी कॉलेजों की तरह ही व्यवस्था करने पर जांच के काम में जोड़ा जा सकता है। पत्र में कहा गया है कि इसके लिए राज्यों को तत्काल आवेदन के लिए अनुरोध भेज देना चाहिए।
राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को अपनी जांच क्षमता बढ़ाने के लिए तत्काल रैपिड एंटीजेन किट्स की खरीद करनी चाहिए। ये किट्स जीईएम पोर्टल (गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस) पर उपलब्ध हैं।
दो आरटी-पीसीआर मशीनों के साथ निजी डायग्नोस्टिक लैब को जोड़ने से जांच क्षमता 48 हजार जांच प्रतिदिन के हिसाब से बढ़ाई जा सकती है। राज्य सरकारों को हर राज्य में कम से कम पांच और प्रयोगशालाओं को जोड़ना होगा।