नन्ही बच्ची को दूध पहुंचाने आरपीएफ जवान इंदर यादव ट्रेन चलने पर प्लेटफार्म में 200 मीटर दौड़ते हुए दूध उपलब्ध कराया…बच्ची की मां ने कहा-असली हीरो..रेलमंत्री पीयूष गोयल ने आरपीएफ जवान की तुलना दुनिया के सबसे तेज धावक उसैन बोल्‍ट से की…

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नेक नीयत से किया गया कोई भी काम रातो-रात किसी को कैसे हीरो बना देता है, इसका जीता जागता उदाहरण है भोपाल में पदस्थ आरपीएफ का जवान इंदर सिंह यादव। इस जवान को देश के लाखों लोग जानने लगे हैं। अकेले फेसबुक पर उसकी तत्परता के वीडियो को 3.3 लाख लोग देख चुके हैं। ट्विटर, वाट्सएप व सोशल मीडिया के अन्य प्लेटफार्मो पर पांच लाख से अधिक लोग जवान के नेक इरादे से किए गए काम की सराहना कर रहे हैं। रेलमंत्री पीयूष गोयल ने आरपीएफ जवान की तुलना दुनिया के सबसे तेज धावक उसैन बोल्‍ट से की।

आरपीएफ डीजी अरुण कुमार ने थपथपाई पीठ, रेलवे जीएम ने किया सम्मानित 
आरपीएफ जवान इंदर सिंह यादव भोपाल रेलवे स्टेशन की सुरक्षा में तैनात है। यहां से 31 मई को एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन कर्नाटक से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जा रही थी। उसके कोच एस-7 में साफिया हाशमी नामक महिला बैठी थी। वह गोरखपुर जा रही थी। उनके साथ उनकी नन्हीं बेटी थी। बेटी दूध नहीं मिलने की वजह से रो रही थी। साफिया कई स्टेशनों पर लोगों से दूध उपलब्ध कराने की मांग कर चुकी थी, लेकिन नहीं मिला था।

महिला ने जवान से मदद मांगी
रात 8.43 बजे ट्रेन भोपाल रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म-1 पर पहुंची थी। प्लेटफार्म पर जवान इंदर सिंह यादव तैनात थे। महिला ने जवान से मदद मांगी तो जवान ने दूध लाने के लिए स्टेशन से बाहर दौड़ लगा दी। वह दूध लेकर प्लेटफार्म पर कदम रखता तब तक ट्रेन चलने लगी थी, इस पर जवान ने करीब 200 मीटर दौड़ते हुए बच्ची के लिए उसकी मां को दूध उपलब्ध करा दिया।

बच्ची की मां ने कहा-असली हीरो, रेल मंत्री ने की इनाम की घोषणा
जब महिला एक जून की सुबह गोरखपुर पहुंची तो उसने वीडियो संदेश भेजा और जवान को असली हीरो बताया था। जब यह वीडियो सामने आया तो रेलमंत्री पीयूष गोयल ने उन्हें नगद इनाम देने की घोषणा की। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए असली हीरो बताया और आरपीएफ डीजी अरुण कुमार ने इंदर सिंह यादव से फोन पर बात कर उसे शाबासी दी। इतना ही नहीं, जवान को दो जून के बाद से देश के अलग-अलग हिस्सों से रोजाना 25 से 30 कॉल आ रहे हैं। पश्चिम मध्य रेलवे जबलपुर जोन के जीएम शैलेंद्र कुमार सिंह उन्हें नकद पुरस्कार से सम्मानित कर चुके हैं।

दो बेटियों का पिता हूं, इसलिए दर्द समझ सका 
आरपीएफ जवान इंदर यादव ने कहा कि मैंने यह मदद किसी प्रशंसा के लिए नहीं की, मैंने तो सिर्फ इसे अपनी ड्यूटी का हिस्‍सा माना। इंदर ने बताया कि मैं भी दो बेटियों का पिता हूं इसलिए तब महिला यात्री ने अपनी बच्‍ची के लिए दूध की गुहार लगाई तो उस मां के दर्द का समझ सका। यह हमारा रोज का काम है और इस काम से मुझे भी बहुत खुशी हुई। यह वीडियो और खबर देखने के बाद मेरी पत्‍नी और मां ने कहा कि हमें तुम पर गर्व है। मेरी बेटी सात साल की बेटी अराध्‍या यादव ने कहा कि पापा प्राउड ऑफ यू। यह मेरी जिंदगी का सबसे अच्‍छा अचीवमेंट है।

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