
फ्लाइट से पहुंचे प्रवासी मजदूर…न पैसे थे,न पैदल चलने की हिम्मत..लोगों की मदद से हवाई सफर..मददगारों ने कहा हमारा नाम उजागर न करें, यह अपनी संतुष्टि के लिए किए है…
नई दिल्लीःलॉकडाउन के बीच कई लोग अपने घर-परिवार से दूर अन्य राज्यों और शहरों में फंसे हुए हैं. ऐसे में सभी राज्यों की सरकार अपने-अपने नागरिकों को उनके घर-परिवार तक पहुंचाने में लगी हुई है. इसी कड़ी में झारखंड (Jharkhand) सरकार भी अन्य राज्यों में फंसे अपने नागरिकों को उनके घर तक पहुंचाने में जुटी है. गुरुवार को रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर मुंबई (Mumbai) में फंसे 180 प्रवासी मजदूर पहुंचे. जिन्हें फ्लाइट से मुंबई से रेस्क्यू किया गया है. ये सभी प्रवासी मजदूर पहली बार हवाई जहाज में बैठे थे, जिसकी खुशी इनके चहरे पर साफ दिखाई दे रही थी.
प्रवासी मजदूरों के एयरपोर्ट पहुंचने पर सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) के नियमों का पालन करते हुए उन्हें एयरपोर्ट से बाहर निकाला गया. यही नहीं, फ्लाइट में भी सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों, मास्क, ग्लब्ज आदि का पूरा ध्यान रखा गया था. ताकि, कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके
बीते करीब 2 महीने से लॉकडाउन के बीच अपने घर, शहर से दूर अन्य शहरों में फंसे लोग जैसे ही रांची पहुंचे, उनके चेहरे पर घर पहुंचने की खुशी साफ देखने को मिली. बता दें झारखंड में बीते 1 मई से प्रवासी मजदूरों के वापस लौटने का दौर जारी है. मई के शुरुआती दिनों से अभी तक करीब 3 लाख 50 हजार से अधिक लोगों को देश के अलग-अलग राज्यों से वापस लाया जा चुका है
राज्य सरकार के मुताबिक, 10 जून तक सरकार लॉकडाउन के बीच फंसे सभी करीब 1 लाख अन्य लोगों को भी वापस ले आया जाएगा. लोगों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए 80 से ज्यादा ट्रेनों को स्वीकृति दे रखी है. जो देश के अलग-अलग हिस्सों से चलाई जा रही हैं. बता दें लॉकडाउन में राज्य से बाहर फंसे प्रवासियों को सुरक्षित रूप से वापस लाने के लिए केंद्र की ओर से पहली श्रमिक स्पेशल ट्रेन झारखंड को ही मिली थी और अब प्रवासियों को उनके राज्य तक पहुंचाने के लिए पहली श्रमिक स्पेशल फ्लाइट भी झारखंड को ही मिली है.