नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना महामारी और लॉक डाउन के दौरान गरीब और अप्रवासी मजदूरों को तत्काल मदद उपलब्ध कराए जाने के लिए केन्द्र सरकार को ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ योजना पर तुरंत अमल करने पर विचार करने को कहा है.
कोर्ट ने कहा कि इससे विस्थापित मजदूरों और आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग (EWS) को खाने का अनाज सब्सिडी के अंतर्गत मिल सकेगा. हालांकि कोर्ट ने यह भी कहा कि सरकार अप्रवासी मजदूरों की समस्या पर ध्यान दे रही है लेकिन सरकार इस बात पर भी विचार कर सकती है कि ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ योजना (ONORC) को तत्काल प्रभाव से लागू करने की कितनी संभावना है?
केंद्र सरकार ने ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ योजना पर इसी साल जून महीने से लागू किए जाने की घोषणा की हुई है
सुप्रीम कोर्ट के वकील रूपक कंसल ने जनहित याचिका दायर कर ONORC योजना तत्काल लागू करने की मांग की है. याचिका में कहा गया है कि इस योजना के तत्काल लागू होने से कोरोना संकट के समय इस योजना के लाभार्थियों को रियायती खाद्यान्न की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी.
याचिका में कहा गया था कि केंद्र सरकार को निर्देश दिया जाना चाहिए कि वह विशेष रूप से इन गरीब लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए ONORC योजना को तत्काल लागू करे जो सरकारी योजनाओं के लाभ के समान हकदार हैं. संविधान के अनुच्छेद 21 का हवाला देते हुए याचिका में कहा गया था कि केंद्र और राज्य सरकारें ऐसे सभी व्यक्तियों को भोजन, आश्रय और चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए बाध्य हैं.
केंद्र सरकार द्वारा घोषित “वन नेशन वन राशन कार्ड (ONORC)” की योजना जून, 2020 में शुरू होने वाली है. वन नेशन वन राशन कार्ड की योजना लागू होने के बाद मजदूरों, कर्मचारियों, छोटे व्यवसायियों आदि को राज्य सरकार सहित केंद्र सरकार की कई जनकल्याणकारी सुविधाएं एक ही कार्ड के सहारे मिल पाएंगी.