पुलिस नहीं ईश है,
घर की अम्मा है,
करती परवरिश है,
सलाम इसके जांबाजों को,
शेरों को चीतों को,
लौह से बने फौलादों को,
जय हिंद !
कर्जदार हूं मैं आमजन,
हम वतन मेरा मुल्क अमन,
पल पल रक्षक माटी का,
कब चुकायेंगे हम…?
दूध सा कर्ज खाकी का |
जब पूरा देश लॉकडाउन पर है,और देश की पुलिस ने कोरोना(कोविड-19) वैश्विक महामारी की चपेट में आये लोगों व इससे प्रभावित लोगों को हर पल,असंभव को संभव कर मदद कर दिखाया है,हमारी पुलिस किन परिस्तिथयो में काम करके हमें सुरक्षित करती है,उसे कोई लिख नहीं सकता,कोई सोंच नहीं सकता,बस नमन कर सकता है | क्या इनके बीवी बच्चे और कोई रिश्तेदार आपकी हमारी तरह नहीं होंगे,…जरूर होंगे,पर जिस दिन ड्यूटी ज्वाइन किया बिना उस मां बाप को पूछे जिसने उसने पैदा किया है,लिख दिया,देश के नाम…अपना | वाह,, क्या निर्णय लिया होगा…कलेजा(साहस) चाहिये, हमारी सैलरी कितनी ज्यादा क्यों न हो,हम कितने बड़े ओहदे पर क्यों न हो,,,,हमारा बाप भाई कितना ही बड़ा नेता,…..रसूखदार क्यों न हो,पर जानते हैं… यही सच है,हम उसकी वजह से सुरक्षित हैं | 5 फीट 6 इंच से आगे आने वाला वो शख्स किस जज्बे से करता होगा ड्यूटी | पर मुस्कुराकर जैसे को तैसे समझाकर रात क्या दिन क्या, बस,,करता है काम…क्योंकि वो पुलिस है….ईश का दूसरा नाम पुलिस है | जो रक्षा करता है उसको ईश का दर्जा प्राप्त है |
‘परित्रांणाय साधूनाम...’ के ध्येय वाक्य लिये उन अनंत देश की पुलिस को इस नन्ही लेखनी का नमन वंदन अभिनंदन है |
ड्यूटी में सेवा रत जवानों से मिलने पर कहते हैं….
*हम हैं ना….*
*आप सुरक्षित,घर पर रहिये,*
किसी को कहना आसान लगता है,पर अपना जान जोखिम में डालकर वचन देना होता है | यह बात उन लोगों को समझना होगा ये पुलिस वाले भी ना यार कहीं भी रोक कर पूछते रहते हैं,गाड़ी चलाते हैं क्या…चोरी वाला थोड़े चलायेंगे, बात देश की है…मेरे देश में हर वक्त हर कोई सजग और सुरक्षित रहे ये मूल होता है |
*सेवा करते थकते नहीं,कहते हैं….*
जिस तरह से कोरोना का कहर टूट पड़ा है,वो बहुत गम्भीर समस्या है | इसे ऐसे साधारण तौर पर नही लेना चाहिए। क्योंकि हम देश के हित के लिए कार्य करते हैं और हमारा ये कर्तव्य बनता है कि लॉकडॉउन को हम पूरे नियम के साथ सदुपयोग करें।
*वो आगे कहते हैं…*
घर पर रहें,परिवार वालों को समय दें.. घर पर नये-नये कार्य करें , ये पल जो मिला है उसे पूरी तरह बाहर से ध्यान हटा कर अपने स्वस्थ जीवन की कामना करें। और दुआ करें जो कोरोना से पीड़ित हैं,भगवान उन्हें जल्द से जल्द ठीक करें | जो भूखे हैं,जरूरतमंद है उन्हें कोशिश करे की जीतना हो सके मदद करें।
यहां हर एक व्यक्ति का जीवन धर्म संकट की तरह हो गया हैं, जिसके पास खाने को है वो तो खायेगा ही,परंन्तु जो रोजमर्रा की जीवन जीते हैं,उनके लिये ये पल बहुत ही संकट का हैं। ऐसे में लोगों को सहयोग का हाथ बढ़ाना हमारा परम कर्तव्य है |
जो लोग एक जगह पर नहीं रह सकते,जो कुछ न कुछ करते रहते थे आज एक कमरे रह कर उनके साथ क्या मानसिकता आ रही होगी हम समझ सकते है। पर आप सभी से अनुरोध है कि आप कुछ दिन ही सही घर पर रह कर योगा कीजिये,डांस कीजिये,सिंगिंग कीजिये, कुकिंग कीजिये,पेंटिंग बनाइये, लेख लिखिए, गार्डिंग कीजिये,साफ सफाई कीजिये …
अपने आप को व्यस्त रखिये क्योंकि जीवन है तो सब कुछ है। जो बहुत दिनों से करने की सोच रहे थे जो नही कर पा रहे थे वो कीजिये | ये बहुत बड़ी समस्या है और ऐसे मे हमे पॉजीटिव होकर रहना होगा,मन और दिमाग में नेगेटिव विचार नही आनी चाहिए।
*साथ ही….. ये भी कहते हैं,,,,*
उन डॉक्टर्स और ड्यूटी दे रह सभीे,व घर पर रह रहे हर इंसान को हमारा सलाम हैं।।
सभी का जीवन अनमोल हैं, जिससे जो लॉकडाउन का नियम कर्फ़्यू चल रहा हैं उसे फॉलो करें, क्योंकि जीवन है तो हर कार्य कर सकते हैं और प्रकृति की तरफ विशेष ध्यान दे। प्रकृति को संनारना सहेजना ही हमारे बेहतर भविष्य का हितकारक होगा |
अपने प्रति जागरूक रहें,सजग रहें, और लोगो को अपने आस पास वालो को जागरूक करते रहे।
*ये उम्मीद भी है…हम आपसे*
हमारे विचार से युवा,व्यापारियों और स्वयं सेवकों के द्वारा जो बन सके मदद करना चाहिए | जिससे ये सरकार द्वारा चलाये गए अभियान पर अर्थात कोरोना के विषम परिणाम से हम सब सुरक्षित रह सकें |
जिन्दगी के जंग में असली हीरो यही हैं | सलाम करता हूं मैं इन सबको जिन्होने अपना नाम देश कि लिये लिख दिया है |
अंत में…..
पुलिस तुम ईश हो,
आंखे देश की,
तुम हिन्द हो,
तुम हिन्दुस्तान हो |
जय हिन्द,
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विश्वनाथ देवांगन’मुस्कुराता बस्तर’
कोंडागांव,बस्तर,छत्तीसगढ़