कमलेश यादव:-रूस की नालचिक शहर में मंगलवार को भारतीय मेडिकल छात्र-छात्रों ने होली का त्यौहार मनाया,जिसमें सैंकड़ों लोग शामिल हुए।छात्रों ने जमकर एक-दूसरे पर खूब रंग उड़ेले और सेल्फी लीं।बॉलीवुड गीतों की धुनों पर थिरकते हुए सभी बहुत मस्ती कर रहे थे।भारत में हर साल मार्च महीने में होली मनाई जाती है।रूस में इस फेस्टिवल का आयोजन भारतीय मूल के छात्रों द्वारा किया गया था ,लेकिन इसमें रूसी शिक्षक भी शामिल हुए।
होली एक ऐसा रंगबिरंगा त्योहार है, जिसे हर धर्म के लोग पूरे उत्साह और मस्ती के साथ मनाते हैं। प्यार भरे रंगों से सजा यह पर्व हर धर्म, संप्रदाय, जाति के बंधन खोलकर भाई-चारे का संदेश देता है। इस दिन सारे लोग अपने पुराने गिले-शिकवे भूल कर एक दूजे को गुलाल लगाते हैं। बच्चे और युवा रंगों से खेलते हैं। फाल्गुन मास की पूर्णिमा को यह त्योहार मनाया जाता है। होली के साथ अनेक कथाएं जुड़ीं हैं। होली मनाने के एक रात पहले होली को जलाया जाता है।
भारत से कोसो दूर इस प्रथा को जिंदा रखना निश्चित ही काबिलेतारीफ है।होली शांति और प्रेम का प्रतीक है।प्रतिवर्ष यह त्योहार रूस में पढ़ाई कर रहे भारतीयों छात्रों द्वारा मनाया जाता है।रंग-बिरंगे रंगों का प्रयोग करते है, जो केवल रंग नही है बल्कि एक दूसरे से प्यार और स्नेह का भी प्रतीक हैं। वास्तव मे यह न केवल लोगों को बाहर से रंगता हैं, बल्कि उनकी आत्मा को भी विभिन्न रंगों मे रंग देता हैं। इसे साधारण त्यौहार कहना उचित नही है क्योंकि यह बिना रंगे व्यक्तियों को रंग देता हैं। यह लोगों के व्यस्त जीवन की सामान्य दिनचर्या मे एक अल्पविराम लाता हैं।