कमलेश यादव,रायपुर:-हमारे आसपास ऐसे बहुत सारे लोग है जिनसे हमे कुछ न कुछ सीखने को मिलता है।कभी-कभी छोटे बच्चे भी बहुत कुछ सीखा जाते है।आपको लिए चलते है ऐसे स्कूल के बच्चों के पास जो अपने गीतों के माध्यम से बड़ो को एकता में रहने का संदेश दे रहे है।प्राथमिक शाला खिसोरा के नन्हे बच्चो के साथ शिक्षिका अर्चना शर्मा जी एकता का संदेश दे रहे है।हिन्द देश के निवासी सभी जन एक हैं-रंग-रूप, वेष-भूषा सब चाहे अनेक है।यह स्कूल छत्तीसगढ़ के जांजगीर चाम्पा जिले में स्थित है।बच्चे पढ़ाई में अव्वल होने के साथ रचनात्मकता के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय कार्य कर रहे है।
एक लंबे समय के संघर्ष के बाद हमने सदियों की दासता से मुक्ति प्राप्त की है।हमे यह भूलना नही चाहिए इसके अतीत में असंख्य देशभक्तों की कुर्बानियाँ छिपी हुई है।स्वतन्त्रता की लड़ाई का इतिहास खून से रंगा और सना हुआ इतिहास है।आज बच्चे याद दिला रहे है कि हम सब एक है।जाति धर्म से भी ऊपर हम पहले भारतीय है।आपसी स्नेह और प्यार हमारा धर्म है।हमारी संस्कृति बहुत अनोखी है रमजान में मिठाई तो दीपावली में सेवई को बाँटकर एकता का परिचय देते है।सभी त्यौहार को चाहे वह किसी भी धर्म का हो सभी मिलकर मनाते है।
भारतीय होने पर गर्व का अहसास होता है।यहां जाति, वंश,जन्म स्थान के आधार पर कोई भेद-भाव नही है।भारतीय संस्कृति इंद्रधनुषी संस्कृति है।कुछ लोगो को हमारी एकता के ऊपर नजर टिकी हुई है।वह नही चाहते कि हम सभी प्यार से एक साथ मिलकर यहां रहे।ऐसे समय मे बच्चो के द्वारा पूरे भारतवर्ष में सन्देश दिया जा रहा है,जो निश्चित ही काबिलेतारीफ है।