सत्यदर्शन विशेष….खेल-खेल में शिक्षा और करके सीखो का मूलमंत्र देने वाली शिक्षिका अर्चना शर्मा…विद्यार्थियों में ज्ञान के साथ सपने देखने के लिए प्रेरित करने की अनोखी मुहिम….

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कमलेश यादव,रायपुर:-भारतीय संस्कृति में शिक्षक की भूमिका समाज को सुधार की ओर ले जाने वाले मार्गदर्शक के रूप में होती है।ये शिक्षक ही होते हैं,जो एक अनगढ़े बालक को सांचे में ढाल कर उसे एक संपूर्ण इंसान बनाते हैं।एक ऐसा माली जो पौधे रूपी विद्यार्थियों को पोषित करता है,और उन्हें बेहतर मनुष्य के रूप में पल्लवित कर,संस्कार रूपी पुष्प खिलाकर, सद्गुणों की महक देता है।आज हम बाते करेंगे शिक्षिका अर्चना शर्मा जी के विषय मे जिन्होंने अध्यापन के लिए नवाचार का मार्ग चुना जिससे विद्यार्थियों में खेल-खेल में शिक्षा के प्रति रुचि जागृत हो।अभी वर्तमान में शासकीय प्राथमिक शाला खिसोरा, विकासखण्ड अकलतरा जिला जांजगीर चाम्पा छत्तीसगढ़ में सहायक शिक्षक के पद पर पदस्थ है।

जीवन के मूल्यों को समझने के लिए शिक्षक और शिक्षा के महत्व को समझना बेहद जरूरी है।घर का पूरा माहौल शिक्षामय है।पति संजय कुमार शर्मा भी शिक्षक होने के साथ एक उम्दा इंसान है,जो कि नवाचारी सोच को हमेशा प्रोत्साहित करते है।

सफर
छत्तीसगढ़ राज्य के जांजगीर चाम्पा जिले के अकलतरा विकासखंड के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला तरौद में सन्2005 में पदस्थापना हुई थी। चार वर्षों की सेवा के बाद सन् 2009 में युक्तियुक्तकरण के तहत पदस्थापना शासकीय प्राथमिक शाला बनाहिल में हुई कुछ वर्ष बाद अध्यापन व्यवस्था के तहत विकासखण्ड के विभिन्न शालाओं में कार्य करने के अवसर मिला।

शिक्षिका अर्चना शर्मा जी,ने अध्यापन के लिए नवाचार का मार्ग चुना जिसके माध्यम से विद्यार्थियों के  मन में पठन पाठन के प्रति रुचि जागृत की।इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए कक्षा में साज सज्जा की फ्लेक्सि बनवाकर चिपकाई, क्रिएटिव कार्नर बनाई, प्रिंटरीच वातावरण तैयार की। खुद भी वाल पेंटिंग की ताकि कक्षा का वातावरण बच्चों को आकर्षित करे।

विषयवस्तु को रोचक बनाने के लिए खेलविधि , रोलप्ले, नाट्य शैली,  क्राफ्ट वर्क, गीत ,कविता कहानी का निर्माण, स्वयं के खर्च से पाठ की समझ बनाने के लिये टी.एल.एम. का निर्माण, मोबाइल टेलीविजन( मनोज लाकरा सर जी  हरियाणा द्वारा प्रदत्त) का प्रयोग जैसी गतिविधि आधारित शिक्षा प्रदान की जिसका प्रभाव शीघ्र ही परिलक्षित भी हुआ। इस तरह अपने नवाचार के माध्यम से उनको प्रोत्साहित कर सीखने की ओर आगे बढ़ाया जिसमें सफलता मिली है।

पालको को शाला में बच्चों के अध्ययन , गृहकार्य  के अलावा पढ़ाई की जानकारी के लिए फीड बैक प्रपत्र भरकर पालको से हस्ताक्षर करवा कर लाने की परपंरा शुरू की यह कार्य वर्ष भर शाला दिवस तक चलता रहा।

इसके अलावा शाला में होने वाले विभिन्न प्रकार के परीक्षा में बच्चों के प्रदर्शन से पालको को अवगत कराने के लाये ओपन डे का आयोजन किया जाता है।जिससे पालको एवं बच्चों को उन्होंने कहाँ पर गलतियां की एवं उनका प्रदर्शन कैसा है  इसकी जानकारी पालको को होती है।

बच्चों के बीच आपसी सहयोग की भावनाओं का विकास हो इसके लिए सहायता पेटी (हेल्प बॉक्स) की शुरुआत की जिसमें छात्रों के द्वारा पैसा जमा किया जाता एवं उनके द्वारा ऐसे  छात्रों की मदद की जाती है, जो पाठ्य सामग्री खरीदने में असमर्थ होते है एवं स्वयं के व्यय से समय समय पर बच्चों को पाठ्य सामग्री उपलब्ध करायी जाती है।

प्रेरणा
अच्छे काम के पीछे प्रेरणा,पति संजय कुमार शर्मा, दोनो बच्चे,शिक्षक साथी सूरज साहू, आदित्य नारायण पांडेय भैया, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी वेंकटरमन पाटले, एबीओ स्वाति राठौर, रत्नमाला सिंह ,डॉ कोमल शुक्ला जी जांजगीर, हरि अग्रवाल, राजेन्द्र राठौड़ डॉ सोडान सिह तरार,अफ्रीका,ओम वर्मा जी न्यूयॉर्क एवं सभी शिक्षक साथियों का फेसबुक से जुड़े सभी मित्रों भाइयों का।पाठशाला के सभी बच्चो की मुस्कुराहटों से नई ऊर्जा मिलती है।

नेशनल ह्यूमेन वेलफेयर कॉउंसिल ने शिक्षिका अर्चना शर्मा को विभिन्न प्रकार के अवार्डों जैसे प्राइड ऑफ इंडिया, इंडियाज ग्रेट लीडर्स अवार्ड, भारत श्री, प्रेरणा अवार्ड से सम्मानित किए है। अंतर्राष्ट्रीय मंच जैसे सत्यमेव जयते यूएसए के फाउंडर ओम वर्मा जी एवं यूगांडा (अफ्रीका) आदर्श शिक्षा एवं संस्कार के संस्थापक अंतर्राष्ट्रीय समाज सेवक डॉ सोडान सिंह तरार जी द्वारा कार्यों को सराहना करते हुए सम्मानित भी किये है। राज्य स्तर पर मुख्यमंत्री गौरव अलंकरण सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है।

नवाचारी शिक्षण पद्घति से प्रभावित होकर सरकारी शिक्षा को बेहतरीन बनाने के लिए कार्य कर रही शिक्षकों का सबसे बड़ा परिवार नवोदय क्रांति भारत के संस्थापक गुरुजी संदीप ढिल्लो ने शिक्षिका अर्चना शर्मा को नेशनल मोटिवेटर बनाया है।

सन्देश
शिक्षकों को संयम रख कर छात्रों के अनुकूल व्यवहार करना चाहिए। सभी शिक्षकों को अपना कार्य निष्ठापूर्वक ईमानदारी से करना चाहिए।सरकारी शिक्षा के प्रति लोगों में फैले भ्रांति को दूर करने सतत प्रयास करना चाहिए। बच्चों को बेहतर शिक्षा देकर हम इस भ्रांति को दूर कर सकते है।

समाज मे बदलाव लाने के लिए जड़ो को मजबूत करना होगा।खेल-खेल में शिक्षा और करके सीखो का मूलमंत्र देने वाली शिक्षिका अर्चना शर्मा के किये हुए कार्यो को शब्दों में पिरो पाना बहुत मुश्किल है।पाठशाला के बच्चों का जन्मदिन मनाकर छोटी छोटी खुशियो के पलों को बेहद खास बनाते हुए जिन्दगी का महत्व बच्चो को समझाना निश्चित ही काबिलेतारीफ है।सत्यदर्शनलाइव चैनल के तरफ से ज्ञान के प्रकाश फैलाने वाली शिक्षिका अर्चना शर्मा को सैल्यूट।।।

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