श्रीकांत सिंह,कोरबा:-जिंदगी में खुशी के पल तलाशने के लिए यदि आप वजह ढूंढ रहे है, तो यह कहानी आप सभी के लिए है।आज हम आपसे रूबरू करवाते है शासकीय हायर सेकेण्ड्री खैरा(सक्ती)में व्याख्याता के पद पर पदस्थ रेखा सिदार मैम से जिन्होंने अपने बच्चों (ट्यून्स) के जन्मदिन की खुशियां,वनांचल में जरूरतमंद बच्चों के बीच मे मनाती है।और नन्हे होठों में खुशी के सच्ची मुस्कान लाने की कोशिश कर रही है।
मैंने हमेशा कहा है कि अपनी खुशियों में लोगों को जरूर शामिल करें और ऐसे लोगों को जो वास्तविक रूप से इसके हकदार है। इससे जो आनंद और संतुष्टि मिलती है वह और कहीं नहीं। अपनी खुशियों को लोगों के साथ जरूर साझा करें।
रेखा सिदार मैम शासकीय हायर सेकेण्ड्री खैरा(सक्ती) में व्याख्याता के पद पर पदस्थ हैं। प्रेरक व्यक्तित्व की धनी रेखा मैम उन चुनिंदा लोगों में से हैं जिन्होंने हमेशा मेरे कार्यों को सपोर्ट किया है। माधवी, सुभद्रा, उमा, पार्वती के साथ रेखा भी बीएड में मेरे क्लासमेट रहे हैं। रेखा मैम ने एक ऐसा नेक और सराहनीय कार्य किया है जिसे आपसे साझा कर रहा हूँ।
वे विगत दो वर्षों से अपने बच्चों(ट्यून्स)के जन्मदिन को अपने घर से दूर वनांचल के स्कूलों में जरूरतमन्द बच्चों के बीच जाकर मनाती हैं। उन्हें जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराती हैं। पिछले वर्ष भी उन्होंने बच्चों को जूते मोज़े और स्टेशनरी वितरित किये थे। इस वर्ष उन्होंने घर से दूर पहाड़ी में स्थित प्राथमिक और माध्यमिक शाला पनारी(जुड़गा) सपरिवार पहुँचे। पनारी एक आदिवासी बहुल गाँव है जहां कोरवा और कँवर जनजाति परिवार निवास करते हैं। यहाँ उन्होंने स्कूल के 52 बच्चों को स्कूल यूनीफॉर्म और स्टेशनरी प्रदान किया। इस पर उन्होंने 22,000 रु की राशि खर्च की। बच्चों के लिए मिठाई के साथ की भोजन की व्यवस्था भी स्वयं की। इस खुशी के पल में पूरा गाँव शामिल हुआ। सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये गए।
वे बताती हैं इससे पहले वे जन्मदिन पर छोटी छोटी पार्टियाँ दिया करती थी। जिस पर इतनी राशि खर्च हो जाती थी। पर पिछले दो वर्षों से उन्होंने इसे बदला है। वे कहती हैं कि जब वे इन विद्यालयों में जाती है तो बच्चों की खुशी देखती ही बनती है।
रेखा मैम के इन प्रयासों के आगे हमारी पूरी टोली नतमस्तक है। दोनों प्यारे बच्चों(ट्यून्स) को हमारी ओर से जन्मदिन की ढेर सारी बधाइयाँ और उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं।और हाँ आप भी बदलिये।
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