Paid Period Leave : रायपुर के सुप्रसिद्ध लेखक-संगीतकार सुमंत यादव के गीत ने न केवल लोगों के दिलों को छुआ…बल्कि महिलाओं के अधिकारों के प्रति समाज की सोच को बदलने का एक प्रयास है…उन्हें नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया गया

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रायपुर : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के सुप्रसिद्ध लेखक-संगीतकार सुमंत यादव को नई दिल्ली के रफी ​​मार्ग स्थित भारतीय संविधान क्लब में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में उत्कृष्ट पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। उन्हें यह सम्मान उनके द्वारा लिखे और कम्पोज़ किए गीत- पेड पीरियड लीव के लिए दिया गया है। अपने गीत में उन्होंने महिलाओं की कठिनाइयों और उनके साहस को बहुत ही भावुक और प्रेरक तरीके से प्रस्तुत किया है। उनका यह गीत महज एक रचना नहीं है बल्कि महिलाओं के अधिकारों के प्रति समाज की सोच को बदलने का एक प्रयास है।

गौरतलब है कि इस कार्यक्रम का आयोजन पेड पीरियड लीव अभियान की संस्थापिका रंजीता प्रियदर्शिनी ने किया था। इस सम्मेलन में विभिन्न देशों के प्रतिनिधि और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए थे। सुमंत के गीत ने न केवल लोगों के दिलों को छुआ, बल्कि उन्हें यह सोचने पर भी मजबूर कर दिया कि महिलाओं के अधिकारों को लेकर समाज में कितनी जरूरत है।

ऐसे बना गीत
सुमन्त बताते हैं कि- अपने दोस्त के वेब पोर्टल में उन्होंने Paid Period Leave की कैम्पेन फ़ाउंडर रंजीता प्रियदर्शिनी का इंटरव्यू देखा था, जो महिलाओं को उनके कठिन दिनों में (माहवारी) कम से कम एक दिन का सवैतनिक अवकाश दिलाने के लिए प्रयास कर रही हैं। ये इंटरव्यू उनको इतना अच्छा लगा कि- उन्होंने इस विषय पर गीत लिखने का मन बना लिया। उसी दिन रात में उन्होंने महिलाओं के कठिन दिनों के बारे में बहुत ज़्यादा रिसर्च किया और लगभग 4 से 5 घंटे की मेहनत के बाद, उनके दिमाग़ में अपने आप धुन बननी शुरू हो गई। उस धुन को आधार मानकर सुमन्त ने शब्दों को पिरोना शुरू किया और धीरे धीरे उनकी कलम ने 15 मिनट में ही सफ़लता पा ली। लेकिन किसी भी लेखन को लोगों की कसौटी पर परखना ज़रूरी होता है, इसलिए उन्होंने ये गीत अपनी महिला दोस्तों को सुनाया। उन्होंने इसको बेहद पसंद किया और तब जाकर इस गीत की रिकॉर्डिंग हुई

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