कमलेश यादव : भारत में कई चिकित्सा पद्धतियों के माध्यम से इलाज किया जाता है, जिनमें से वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति भी एक है जो सदियों पुरानी है। इसमें नसों और रक्त वाहिकाओं का इलाज करके बड़ी बीमारियों से राहत दिलाई जाती है। इस चिकित्सा पद्धति की सबसे खास बात यह है कि इसमें मरीज को किसी भी तरह की दवाई नहीं दी जाती। आज हम बात करने जा रहे हैं छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में रहने वाले डॉ. विजय कुमार क्षत्रिय के बारे में जो पिछले 25 वर्षों से वैकल्पिक चिकित्सा के माध्यम से लोगों को स्वास्थ्य लाभ पहुंचा रहे हैं।
क्षत्रिय नर्सिंग होम के संचालक डॉ. विजय कुमार ने सत्यदर्शन लाइव को बताया कि उन्होंने हृदय रोग के इलाज पर भी शोध किया है और उनके अस्पताल में कई तरह की बीमारियों का इलाज संभव है। इनमें सर्वाइकल, साइटिका, घुटने/कमर या जोड़ों का दर्द, गठिया, माइग्रेन, अनिद्रा, पेट से संबंधित रोग, किडनी, लीवर, आंख, कान और गले से संबंधित रोग, लकवा, उच्च रक्तचाप, मधुमेह आदि शामिल हैं। एक्सीडेंटल मामलों का इलाज इसके जरिए नहीं हो सकता।
अपने ज्ञान और अनुभव के साथ डॉ. विजय ने,क्षत्रिय नर्सिंग होम की स्थापना की। यह नर्सिंग होम सिर्फ़ एक चिकित्सा केंद्र नहीं है बल्कि एक आश्रय स्थल है जहाँ मरीजों को समग्र उपचार मिलता है। विजय के नेतृत्व में नर्सिंग होम मरीजों के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य का ख्याल रखता है। बालोद जिले के आमापारा, राजनांदगांव जिले के मोहारा रोड बायपास , खैरागढ़ जिले के ग्राम पटेवा में नर्सिंग होम संचालित किए जा रहे हैं। भविष्य में छत्तीसगढ़ के हर जिले में क्षत्रिय नर्सिंग होम संचालित किए जाएंगे।
प्रेरणास्रोत
उन्होंने बताया कि मेरे नाना स्वर्गीय श्री नित्यानंद गौतम स्वतंत्रता सेनानी थे और आयुर्वेद और योग के भी उन्हें गहन ज्ञान था। उनसे प्रेरणा लेकर मैंने इस आयुर्वेद और अल्टरनेटिव चिकित्सा क्षेत्र को चुना। पूरा परिवार सेवा की भावना रखता है। इस प्राचीन चिकित्सा पद्धति को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना ही अंतिम लक्ष्य है। उनका मानना है कि प्रत्येक व्यक्ति का पहला कर्तव्य स्वयं को स्वस्थ रखना तथा परिवार को भी स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करना है।
डॉक्टर विजय ने कई असाध्य रोगों से पीड़ित रोगियों का इलाज करके उन्हें नया जीवन दिया है। उनकी लगन और सेवा भावना ने उन्हें न केवल समाज के बीच बल्कि मरीजों के बीच भी एक आदर्श व्यक्तित्व बना दिया। उनका हमेशा से मानना रहा है कि हर मरीज का इलाज उसकी व्यक्तिगत ज़रूरतों और परिस्थिति के हिसाब से होना चाहिए।
डॉक्टर विजय क्षत्रिय की इस यात्रा में कई चुनौतियाँ आईं, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उन्होंने हमेशा अपने काम में ईमानदारी और निष्ठा बनाए रखी। उन्होंने अपने अनुभवों से सीखा कि सिर्फ़ शारीरिक उपचार ही नहीं, बल्कि मानसिक और भावनात्मक संतुलन भी उतना ही महत्वपूर्ण है।उन्होंने पाया कि बहुत से लोग मानसिक तनाव, जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों और पुराने दर्द से पीड़ित हैं और इसलिए उन्होंने इस उपचार पद्धति को चुना है।
आज, क्षत्रिय नर्सिंग होम एक प्रतिष्ठित चिकित्सा केंद्र के रूप में जाना जाता है, और डॉक्टर विजय क्षत्रिय का नाम सम्मान के साथ लिया जाता है। उनके 25 वर्षों के अनुभव और समर्पण ने न केवल चिकित्सा के क्षेत्र में बल्कि समाज में भी एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया है। डॉ. विजय की कहानी हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जो हमें यह सिखाती है कि सच्ची सेवा और समर्पण से ही हम वास्तविक सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
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