प्लास्टिक कचरे से सड़कें बनाकर पूरे देश के लिए उदाहरण पेश कर रहा केरल……

आज के दौर में प्लास्टिक की समस्या पर्यावरण के लिए विनाशकारी साबित हो रही है। प्लास्टिक से पशु और जलीय जीवन दोनों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।। सबसे मुश्किल की बात ये है कि प्लास्टिक को इस्तेमाल के बाद काम में लाना काफी मुश्किल होता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, लगभग आठ मिलियन टन प्लास्टिक हमारे महासागरों में सालाना प्रवेश करता है। एक तरफ जहां पूरा देश प्लास्टिक प्रदूषण की समस्या से जूझ रहा है वहीं केरल बर्बाद प्लास्टिक से सड़क बनाकर इसका सही इस्तेमाल कर रहा है। केरल ने 9,700 टन प्लास्टिक कचरे से 246 किलोमीटर लंबी सड़क बना डाली है। इसमें प्लास्टिक की बोतलें, डायपर, पॉलीथीन ज हरित राज्य बनाना है।

सबसे पहले केरल में राजगिरी कॉलेज में प्लास्टिक कचरे का उपयोग करके 500 मीटर सड़क पॉलीमराइज्ड किया गया था। प्लास्टिक कचरे में प्लास्टिक की बोतलें, पैकेजिंग सामग्री, कैप, और अन्य फेंक दिए गए आइटम शामिल थे। यह अभियान सफल हुआ तो इसे पूरे राज्य में लागू करने का फैसला किया गया। इसके लिए ग्राम पंचायत अध्यक्ष से लेकर नगर निगम तक को प्रेरित किया गया। पंचायत समिति ने तकनीकी ज्ञान बासिल करने  के लिए लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की सहायता ली। इस विचार को मंजूरी मिलने के बाद पंचायत ने सड़कों को बनाने के लिए प्लास्टिक का उपयोग शुरू किया। इसके लिए, हर दिन 500 किलोग्राम प्लास्टिक को छीलने की क्षमता वाले एक प्लास्टिक श्रेडर को स्थापित किया गया। कटा हुआ प्लास्टिक कचरा पीडब्ल्यूडी को बेचा जाता है, जो सड़क निर्माण के लिए इसका उपयोग करता है। अभी 800 किलोग्राम प्लास्टिक को 20 रुपये प्रति किलोग्राम पर बेचा गया है।
(स्रोत:-फेसबुक)


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