
गगनयान मिशन का उद्देश्य तीन दिवसीय गगनयान मिशन के लिए 400 किलोमीटर की पृथ्वी की निचली कक्षा पर मानव को अंतरिक्ष में भेजना और उन्हें सुरक्षित पृथ्वी पर वापस लाना है
“भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) लगातार अंतरिक्ष के क्षेत्र में अपनी शक्ति बढ़ा रहा है। इसी कड़ी में शनिवार को एजेंसी ने गगनयान के पहले टेस्ट व्हीकल एबॉर्ट मिशन-1 (टीवी-डी1) को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से सफलतापूर्वक लॉन्च किया।”
हाल के दिनों में चंद्रयान-3 की चन्द्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग और आदित्य-एल1 की लॉन्चिंग दुनियाभर में चर्चा का विषय रहे। अब इसरो की नजर गगनयान मिशन पर है जिसके तहत तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में ले जाया जाएगा।
ऐसे में हमें जानना चाहिए कि गगनयान मिशन है क्या? मिशन में अभी क्या हुआ है? गगनयान के पहले टेस्ट व्हीकल एबॉर्ट मिशन-1 की अहमियत क्या है? अब आगे क्या होगा?
पहले जानते हैं कि गगनयान मिशन क्या है?
गगनयान देश का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन है जिसके तहत तीन अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष की सैर कराई जाएगी। इस मिशन को अगले साल के आखिर या 2025 की शुरुआत तक भेजा जा सकता है। 2024 में मानव रहित परीक्षण उड़ान होगी, जिसमें एक व्योममित्र रोबोट भेजा जाएगा।गगनयान मिशन का उद्देश्य तीन दिवसीय गगनयान मिशन के लिए 400 किलोमीटर की पृथ्वी की निचली कक्षा पर मानव को अंतरिक्ष में भेजना और उन्हें सुरक्षित पृथ्वी पर वापस लाना है।
मिशन में अभी क्या हुआ है?
इसरो ने शनिवार को गगनयान के तहत इसके पहले टेस्ट व्हीकल एबॉर्ट मिशन-1 (टीवी-डी1) को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया। इस उद्देश्य में इस्तेमाल होने वाले परीक्षण वाहन ‘क्रू एस्केप मॉड्यूल’ का उपयोग करते हुए यह परीक्षण किया गया। क्रू एस्केप मॉड्यूल लॉन्च के बाद अंतरिक्ष में पहुंचा और फिर सही-सलामत बंगाल की खाड़ी में उतर गया।
इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ ने गगनयान की पहली सफलता को लेकर कहा, ‘मुझे गगनयान टीवी-डी1 मिशन की सफलता की घोषणा करते हुए बहुत खुशी हो रही है।’ उन्होंने टीवी-डी-1 टेस्ट मिशन: क्रू एस्केप मॉड्यूल की सफल लैंडिंग के बाद वैज्ञानिकों को बधाई दी।
टीवी-डी1 के पहले परीक्षण में देरी क्यों हुई?
गगनयान मिशन के लिए टेस्ट उड़ान टीवी-डी1 को सुबह 8 बजे लॉन्च किया जाना था। हालांकि, लॉन्चिंग से 5 सेकंड पहले टेस्ट को रोक दिया गया। इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ ने इसका कारण बताते हुए कहा, ‘लिफ्ट-ऑफ का प्रयास नहीं हो सका…व्हीकल सुरक्षित है… हम जल्द ही वापस लौटेंगे… जो कंप्यूटर काम कर रहा है उसने लॉन्च रोक दिया है… हम इसे ठीक करेंगे और जल्द ही लॉन्च शेड्यूल करेंगे।’ हालांकि, गगनयान की टेस्ट फ्लाइट सुबह 10 बजे सफलतापूर्वक लॉन्च कर दी गई।
टीवी–डी-1 टेस्ट मिशन की अहमियत क्या है?
2025 में जब भारत के महत्वाकांक्षी मानव अंतरिक्ष अभियान गगनयान के तहत अंतरिक्ष यात्री धरती से 400 किमी ऊपर अंतरिक्ष में तीन दिन बिताने जाएंगे, तब किसी भी वजह से अंतरिक्ष यात्रियों को नहीं खोना पड़े, इसके लिए कुल छह परीक्षण की शृंखला में यह पहला परीक्षण है। इसरो के इस परीक्षण से क्रू इस्केप सिस्टम (सीईएस) की क्षमता और दक्षता के बारे में विस्तार से जानकारी मिलेगी। इसके अलावा किसी आपात परिस्थिति में अभियान को बीच में ही रद्द किए जाने पर अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित बचाने की रणनीति को फेल-सेफ बनाने में मदद मिलेगी।
राष्ट्रीय अंतरिक्ष इसरो के मुताबिक, फ्लाइट टेस्ट व्हीकल अबॉर्ट मिशन1 में किसी अनहोनी की दशा में अंतरिक्ष यात्रियों को बचाने में यह क्रू-एस्केप प्रणाली काम आएगी। उड़ान भरते समय अगर मिशन में गड़बड़ी हुई तो यह प्रणाली क्रू मॉड्यूल के साथ यान से अलग हो जाएगी, कुछ समय उड़ेगी और श्रीहरिकोटा से 10 किमी दूर समुद्र में उतरेगी। इसमें मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों को नौसेना की ओर से समुद्र से सुरक्षित वापस लाया जाएगा।