
_*राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस विशेष*_ *हमारे द्वारा जलाया गया एक कर्म दीप हजारों मन में प्रेरणा भरने का काम करती है |* युवा तकनीकी सहायक *श्री विरेन्द्र कुमार साहू* से छत्तीसगढ़ बस्तर के चर्चित अन्तर्राष्ट्रीय खोजी लेखक युवा हस्ताक्षर *विश्वनाथ देवांगन उर्फ मुस्कुराता बस्तर* की खास खोजी बातचीत-
*पंचायती राज,हमारा स्थानीय स्वशासन* |
कर्म ही पूजा है | इस ध्येय वाक्य को जिंदगी में अमल करता हुआ वो युवा जो ग्रामीण विकास से बेहतर भविष्य की संकल्पना को साकार करना चाहता है | आज युवाओं के बीच बेहतरीन कार्य शैली के लिये जाने जाने वाले ऐसे शख्सियत के बारे में जानेंगे,जिन्होंने अपनी कर्मठता और लगनशीलता से लोगों के बीच बेहतर सामंजस्य के साथ कार्य करते हुए निरंतर कार्य पथ पर चल रहे हैं | जब हम पंचायती की बात करतें हैं तो नजरों के सामने कुछ लोग जो बैठकर चर्चा,बैठक और सभा में निर्णय पारित होने के शक्ल नजरों के सामने घूमने लगते हैं | पर मैदानी स्तर पर अमली जामा पहनाने के पीछे जिन कर्मयोद्धाओं की भूमिका होती है | वे तो बहती हवाओं में फिजा बदलते हैं या फिर मौन होकर कर्म पथ पर डटे रहते हैं |
आज हम बात करेंगे ऐसे युवा तकनीकी सहायक की कहानी जिसने अपने कार्य से न केवल लोगों के चेहरे पर मुस्कान लायी है बल्कि उनके संग प्रशासन होने का एहसास भी कराया है | चर्चित अन्तर्राष्ट्रीय खोजी लेखक युवा हस्ताक्षर विश्वनाथ देवांगन से खास बातचीत जिनसे हम सीख ले सकें तारीफें करने के लिये तो लोग लाइन में खड़े होते हैं,और बुराई करने के लिये मैं पहले तुम पहले | पर कहते हैं ना कि कहने से पहले करना ठीक होता है,हम ऐसी शख्सियत से आपको रूबरू करायेंगे जिन्होंने कर्मठता के दम पर अपनी अलग पहचान बनाई है | आइये जानते हैं आज जनपद पंचायत कोंडागांव में पदस्थ तकनीकी सहायक श्री विरेद्र कुमार साहू के बारे में –
श्री विरेन्द्र कुमार साहू का जन्म छत्तीसगढ़ के धमतरी में हुआ, पालिटेक्निक कालेज रुद्री में इलेक्ट्रिकल मे डिम्लोमा के बाद सन 2010 से जनपद पंचायत कोण्डागाँव में तकनीकी सहायक के रुप के कार्य कर रहे हैं |
चूंकि कोण्डागाँव मे हर गाँव अपने में अलग होता है,हम आपस में गावो की तुलना नहीं कर सकते | यहां प्राकृतिक परिस्थिति हर जगह अलग-अलग हैं,जब तक हम हर गाँव के हिसाब से वहां के स्थानीय लोगो के साथ तालमेल बैठा कर कम नहीं करेगे तब तक उस गांव को बेहतर नहीं कर पायेगे | उच्च स्तर से कोई योजना यहाँ के लोगों के उपर थोपने से कोई मतलब नहीं होगा |
बस्तर क्षेत्र मे काम करना अपने आप मे ही बहुत चैलेन्जिन्ग होता है | जब तब आप अपना किसी काम मे 200 प्रतिशत नहीं देंगे,तब तक सफ़ल होना कठिन ही नहीं नामुकीन सा है,ये ऎसी जगह है जहां रोशनी की जरूरत है यहां हमारे द्वारा जलाया गया एक दीप भी प्रकाश काम काम करती हैं, इस प्रकाश को ही देख कर हजारों मन मे प्रेरणा और काम करने की इच्छाशक्ति बेहतर कार्य रूप में उभर कर आती हैं |
आज के परिदृश्य में हर व्यक्ति स्वार्थी हो गया है,व्यक्ति अपने बारे मे सोचना छोड़ कर गाँव के विकास के बारे मे नहीं सोचेगा तब तक सब कठिन हैं… जिस दिन व्यक्ति अपने गाँव के बारे मे सोच लिया उस दिन व्यक्ति का विकास यूं ही हो जायेगा l ग्राम सभा एक माध्यम है लोगों को शासन की योजना हो जानने का,समझने का जमीनी स्तर पर लागू करने का |
विरेद्र साहू जी बताते हैं कि मैं लोगों की जीत में अपनी जीत देखता हूँ एवं हितग्राही के चेहरे की मुस्कान सारे गम भुला देती हैं,रही बात कार्य में कभी कभार विचार शून्य विवाद कि तो जहां काम होता है,वहीं विवाद होता है |पंचायती राज हमारा स्थानीय स्वशासन व्यवस्था में समर्पित हर कर्मठ योद्धा को सलाम करते हैं |
जय हिंद
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