60 वर्ष की शिक्षिका ने पहली बार की अकेले विदेश यात्रा, अब तक कर चुकी हैं 30 से ज्यादा देशों की सैर

Retired biochemistry teacher First Solo Trip : भारतीय महिलाएं आत्मनिर्भर, आत्मविश्वासी बनती जा रही हैं। मजबूत होती उनकी स्थिति में न तो पुरुष प्रधान समाज, न ही महिलाओं की शिक्षा व उम्र चुनौती बनती है। जो महिलाएं पहले घर की चारदीवारी से अकेले बाहर नहीं निकल सकती थीं, वह अब देश-विदेश की यात्रा अकेले करने लगी हैं। ऐसी ही एक महिला हैं जिन्होंने 60 की उम्र में अकेले विदेश यात्रा करके अन्य महिलाओं को भी आत्मविश्वासी होने के लिए प्रेरित किया। उनकी बेटी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से मां की इस उपलब्धि पर गर्व जताते हुए अपनी मां की कहानी साझा की।

रोहिणी राजगोपाल की अम्मा बेटे से बायोकेमिस्ट्री की शिक्षिका थीं, जिन्होंने अपनी यात्रा संबंधी आकांक्षाओं को सेवानिवृत्ति होने के बाद पूरा किया। वह दुनिया देखना चाहती थीं लेकिन सुरक्षित, पूर्वानुमानित और प्रभावी लागत के साथ। इसलिए उन्होंने मासिक पेंशन और भविष्य निधि द्वारा मिलने वाली वित्तीय स्वतंत्रता का इंतजार किया।

रोहिणी राजगोपाल ने बताया कि उनकी मां ने 60 की उम्र में सोलो यात्रा की शुरुआत की और अब तक 30 देशों की यात्रा कर चुकी हैं। रोहिणी के मुताबिक, अपने रिटायरमेंट से कुछ महीने पहले एक दोस्त हुई बातचीत के बाद अम्मा को प्रेरणा मिली और उन्होंने एक ऐसे टूर के लिए रजिस्टर किया जिसमें 30 से अधिक पर्यटकों के साथ आठ दिनों में दक्षिण अफ़्रीका की खूबसूरती को देखने का मौका मिलता। उनके टूर मैनेजर एक मलयाली व्यक्ति थे। जिस शख्स ने कभी देश न छोड़ा हो, जिसके पास पासपोर्ट भी न हो, उनके लिए अकेले विदेश यात्रा करना एक नाटकीय शुरुआत की तरह थी।

उनकी मां ने अपने स्नीकर्स खरीदे और ऊनी कपड़े निकाले जिन्हें आखिरी बार 1990 में राजस्थान में छुट्टियों के दौरान देखा गया था। अपने नए कुर्ता पजामा की तस्वीरें भेजकर मां ने मुझसे सलाह मांगी। वह जब भी मुझे फोन करती तो चिंता व्यक्त करती, “क्या मैं वास्तव में इसका आनंद ले पाउंगी।”, “क्या मैं दूसरों के साथ घुल-मिल पाऊँगी?”

साउथ अफ्रीका की सफल यात्रा के बाद उन्होंने एक के बाद साल में तीन बार ग्रुप टूर के लिए साइन-अप किया।  पिछले कुछ सालों में उन्होंने भुटान से लेकर जापान तक एशिया के लगभग हर स्थान को घूमा। यहां तक कि चीन और रूस की भी यात्रा की। अम्मा का घर अब घरेलू सामान की बजाए विदेश यात्राओं की यादों से भर गया है।

हालांकि अकेले यात्रा करना इतना आसान नहीं था। इस्तांबुल यात्रा के दौरान वह अपने सूटकेस का नंबर कोड भूल गईं और टूर मैनेजर को जिपर खींचकर तोड़ना पड़ा। जापान यात्रा के दौरान पारंपरिक टी हाउस में वह फिसलकर गिर गईं और चोटिल हो गईं। कोविड के दौरान उनकी एक सह यात्री दुबई में कोविड पॉजिटिव हो गई। सहयात्री के साथ काफी वक्त बिताने के कारण अम्मा डर गईं।


जवाब जरूर दे 

आप अपने सहर के वर्तमान बिधायक के कार्यों से कितना संतुष्ट है ?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles