आमचो जीवना, पानी,बन,भूंय आय,आमचो धरती याया, खूबे सुंदर आय……डॉ.विश्वनाथ देवांगन ‘मुस्कुराता बस्तर’

  *सेवा जोहार*
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हरिक लेहरा गाये गीत,
नदी झरना होला मीत।
बाजे मोहरी तुड़बुड़ी,
दखेसे राजा असन बन।
बन चो सुन्दर डोंगरी,
लागेसे कपारे चंदन।

सजारी होऊंसे साजा,
मुर ले आमी राजा,
ढोल मांदर संगे,
हरिक माते जीवना।
पानी,बन,भूंय सेवाकारी,
आया आमचो जीमिदारीन।

आमचो जीवना,
पानी,बन,भूंय आय।
आमचो धरती याया,
खूबे सुंदर आय।
ककसाड़,माटी तिहार,
आमी करूंसे जुग के,
हरिक उदिम सेवा जोहार।
✍️©®
*डॉ.विश्वनाथ देवांगन’मुस्कुराता बस्तर’*
कोंडागांव,बस्तर छ.ग.(भारत)


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