
संयुक्त राष्ट्र (UN) के आंकड़ों के मुताबिक,दुनिया में आज भी 220 करोड़ लोगों के पास पीने का साफ पानी उपलब्ध नहीं है…ऐसे में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता लाना बेहद जरूरी है
संयुक्त राष्ट्र (UN) के आंकड़ों के मुताबिक,दुनिया में आज भी 220 करोड़ लोगों के पास पीने का साफ पानी उपलब्ध नहीं है। ऐसे में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता लाना बेहद जरूरी है।भारत की बात करें तो पूरे विश्व में पानी कंज्यूम करने के मामले में इसका नंबर टॉप 10 देशों में आता है। हालांकि देश में दुनिया के 4% फ्रेश वॉटर सोर्स ही मौजूद हैं।
भारत में दुनिया के 4% फ्रेश वॉटर सोर्स ही मौजूद हैं।
भूजल (ग्राउंड वॉटर) के सोर्स अदृश्य होते हैं। हम उन्हें देख नहीं सकते, लेकिन वो हमारी जिंदगी का एक बहुत अहम हिस्सा हैं।भारत में 33 लाख वर्ग किलोमीटर के एरिया में इस्तेमाल में आने वाला पानी मौजूद है। हमारे देश में दुनिया की 16% आबादी रहती है, इसलिए इस हिसाब से पानी की मात्रा बहुत कम है। सेंट्रल ग्राउंड वॉटर बोर्ड की 2017 की रिपोर्ट के मुताबिक, 700 में से 256 जिलों में भूजल का स्टेटस ‘नाजुक’ या ‘ज्यादा शोषित’ है।
देश में 2030 तक पैदा होगा जल संकट
UN के मुताबिक, भारत में दक्षिण अफ्रीका के केप टाउन जैसा जल संकट पैदा हो सकता है।
UN का अनुमान है कि भारत के 4 बड़े शहर- दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में 2030 तक गंभीर जल संकट पैदा हो जाएगा। यह संकट दक्षिण अफ्रीका के केप टाउन की तरह हो सकता है। वहां कुछ समय पहले लोगों को पीने के लिए तक पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा था। केप टाउन में कुछ इलाकों की स्थिति अब भी जस की तस है।
भारतीय पानी कंज्यूम करने के मामले में आगे
भारत सरकार ने शहरों में 135 लीटर पानी प्रति व्यक्ति प्रति दिन निर्धारित किया है। वहीं ग्रामीण इलाकों के लिए जल जीवन मिशन के अंतर्गत 55 लीटर पानी प्रति व्यक्ति प्रति दिन निर्धारित किया गया है।विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मानें तो प्रति व्यक्ति हर दिन 25 लीटर पानी ही काफी है। मगर DNA की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में 272 लीटर पानी प्रति व्यक्ति प्रति दिन की खपत होती है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है।
इन 5 तरीकों से पानी बचाएं
ज्यादा से ज्यादा पेड़-पौधे लगाएं। इससे भूजल का स्तर मेंटेन रह सकता है।
रोजमर्रा के कामों में कम से कम पानी का उपयोग करने की कोशिश करें। ब्रश करते या नहाते समय पानी को व्यर्थ न होने दें।
घर में ढीले नल हैं तो उनकी तुरंत मरम्मत कराएं।
ज्यादा से ज्यादा पेड़-पौधे लगाएं। इससे भूजल के स्तर को बचाया जा सकता है।
बारिश के मौसम में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग अपनाएं। यह पानी जमा करने की तकनीक है।
पानी को रिसाइकिल करने के तरीके अपनाएं।