बीहड़ जंगलो के बीच असाधारण प्रतिभा…12 वर्षीय बालक ने मलखंभ में देश का नाम रोशन किया…पिताजी खेती-किसानी करते हैं तथा माता भी दिहाड़ी मजदूरी है

कमलेश यादव:प्रतिभा सुविधाओ की मोहताज नही होती है बीहड़ जंगलो के बीच भी राष्टीय स्तर के प्रतिभा जन्म लेते है।व्यक्ति के कद काठी पहनावा और उम्र से प्रतिभा का आकलन नही किया जा सकता।कुछ ऐसी ही कहानी है छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के ओरछा(अबूझमाड़) में रहने वाले 12 वर्षीय मानु ध्रुव पिता श्री केराम ध्रुव की।ये नन्हा बालक अपनी असाधारण प्रतिभा से मलखंब में राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर नाम रोशन कर रहे हैं।ग्राम आसनार वनों से आच्छादित है यहां से शुरू हुई मानु ध्रुव की अनकही कहानी पिताजी खेती-किसानी करते हैं तथा माता भी दिहाड़ी मजदूरी करती है, जिससे घर-परिवार का पालन-पोषण हो रहा है।

प्रशिक्षक का मिला साथ
मलखंब के प्रशिक्षक मनोज प्रसाद जब देवगांव के पोटा केबिन में बच्चों का सलेक्शन करने गए थे, तो वहां इस बालक में खेल के प्रति गजब का जुनून देखा।नन्ही आंखो में जैसे बहुत बड़ी सपने हो।मनोज जी की जौहरी आंखे तुरन्त ही इस प्रतिभा को तराशने में देर नही की और उसे प्रशिक्षण देने के लिए तैयार हो गया।प्रशिक्षक मनोज प्रसाद जी कहते है कि हमारे आसपास के खेलों को देखकर भी बच्चो में उस खेल के प्रति रुचि उतपन्न होता है।चुकि मलखंब प्रमुखता से खेला जाता है।मानु ध्रुव ने भी अपने हमउम्र के बच्चों को खेलते देख साथ मे आगे खेलने की जिज्ञासा हुई।

प्रतियोगिता में मिला सम्मान
मानु ने मलखंब जूनियर प्रतियोगिता में व्यक्तिगत श्रेणी में अब तक राष्ट्रीय स्तर पर 01 गोल्ड एवं राज्य स्तर पर 2 गोल्ड मेडल हासिल किये हैं। इसके साथ ही पूरी टीम को राष्ट्रीय स्तर पर 01 गोल्ड प्राप्त हुआ हैं।विभिन्न प्रतियोगिताओं में उसने कई प्रमाण पत्र एवं पदक हासिल किये हैं। उसका मलखंब से इतना जुड़ाव हो गया है कि उसने अपने साथ आसपास के बच्चो को भी मलखंब से जोड़ा है। मानु ध्रुव की प्रतिभा और हासिल पदकों के कारण भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) द्वारा 10 हजार रूपये प्रतिमाह की छात्रवृत्ति दी जा रही है। मलखंभ के प्रशिक्षक श्री मनोज प्रसाद द्वारा वर्ष 2017 से क्षेत्र के बच्चों को मलखंभ का विशेष अभ्यास कराया जा रहा है। जिससे यहां के बच्चे अन्य राज्यों में जाकर मलखंभ का बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं, और अपने जिले एवं राज्य का नाम रौशन कर रहे हैं।

जिला प्रशासन द्वारा प्रोत्साहन
जिला प्रशासन द्वारा मल्लखम्भ खेल को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिभागियों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। इसके अभ्यास हेतु आवश्यक सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। इस हेतु 14 लाख 45 हजार की राशि मलखंम्भ प्रशिक्षण हेतु तथा 6 लाख रुपये खेल सामग्री हेतु प्रदान किया गया है। प्रशिक्षण केन्द्र में कुल 120 खिलाड़ी पंजीकृत है, जिसमें लगभग 70 खिलाड़ी नियमित प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। प्रशिक्षण में 40 बालक तथा 30 बालिका शामिल है। इस प्रशिक्षण केन्द्र से लगभग 40 प्रतिभागियों द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर राज्य का प्रतिनिधित्व किया गया है। मल्लखम्भ खेल प्रशिक्षण हेतु खेलो इंडिया लघु केन्द्र संचालन हेतु प्रस्ताव खेल एवं युवा कल्याण विभाग, छत्तीसगढ़ द्वारा भारत सरकार को भेजा गया है। 32वीं राष्ट्रीय मलखम्भ चौम्पियनशिप बिलासपुर में जिले के मलखंभ खिलाड़ियों ने 8 स्वर्ण पदक एवं 3 कास्य पदक प्राप्त कर चुके हैं। जिले के मलखम्भ खिलाड़ी दिल्ली, मुंबई, गुजरात, गोवा एवं तमिलनाडू में भी अपना प्रदर्शन दिखा चुके हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने अपने नारायणपुर प्रवास के दौरान मल्लखंभ के खिलाड़ियों के प्रदर्शन को देखा था, और उसकी प्रशंसा अपने मासिक रेडियो वार्ता में भी किया था।


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