
उम्मीद की किरण:रिक्शे में बसी दुनिया,बच्चों को पढ़ाते हुए तस्वीर वायरल हुई…रहने को घर भी नही था…प्रशासन के संज्ञान में आते ही बच्चों का दाखिला स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल में किया गया…आईआरडीपी योजना के तहत निर्मित आवास भी उपलब्ध कराया गया है
कमलेश यादव:हमारे आसपास ऐसे कई जरूरतमन्द लोग रहते है जिन्हें वास्तव में सहयोग की जरूरत होती है कई बार हम उन्हें देखते भी है लेकिन हमारे करने से क्या होगा सोचकर नजरअंदाज कर देते है।कुछ ऐसी वाक्या हुआ न्यायधानी बिलासपुर छत्तीसगढ़ में कैसे एक पिता ने पूरी ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारी निभाई है रिक्शे में ही अपनी दुनिया बसा ली ,रहने को झोपडी थी वह भी टूट गई।एक समाचार पत्र के माध्यम से बच्चो को पढ़ाते हुई तस्वीर वायरल हुई और शासन प्रशासन के संज्ञान में आते ही तत्काल बच्चों का दाखिला स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल लिंगियाडीह में किया गया।प्रशासन द्वारा गणवेश, पाठ्य पुस्तक और अध्ययन के लिए अन्य जरूरी साम्रगी भी प्रदान कर दी गयी है।
घर उपलब्ध किया गया
बच्चों के परिवार के पास रहने के लिए घर नहीं है, इसलिए बच्चों के स्कूल के समीप ही परिवार को नगर निगम द्वारा आईआरडीपी योजना के तहत निर्मित आवास उपलब्ध कराया गया है।निश्चित ही सराहनीय कदम है।एक छोटी सी पहल कैसे जिंदगी को बदल देती है।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया में यह तस्वीर पोस्ट की है।
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