जल संरक्षण के लिये प्रतिदिन की गतिविधियों में कुछ सकारात्मक बदलाव करने की जरुरत है…समाजसेवी वीरेंद्र सिंह ने स्कूलों में जाकर बच्चों को जल की एक एक बूंद बचाने के लिए प्रेरित किया

कमलेश यादव : किसी भी चीज की कमी उसके महत्व को बढ़ा देती है।कभी आपने सोचा है यदि दो दिन नल से पानी ही न मिले तो क्या होगा।जाहिर सी बात है चारो तरफ हाहाकार मच जाएगा।सामान्यतः देखने को मिलता है कई लोग नल की टोटी को ऑन करके चले जाते है जिससे पानी की बर्बादी होती है।पानी की एक एक बूंद बहुत कीमती है।पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य करने वाले छत्तीसगढ़ के समाजसेवी वीरेंद्र सिंह ने स्कूलों में जाकर बच्चों को जल संरक्षण का महत्व समझा रहे है।

समाजसेवी वीरेंद्र सिंह ने सत्यदर्शन लाइव को बताया कि भारत के जिम्मेदार नागरिक होने के नाते, पानी की कमी के सभी समस्याओं के बारे में हमें अपने आपको जागरुक रखना चाहिये जिससे हम सभी प्रतिज्ञा ले और जल संरक्षण के लिये एक-साथ आगे आये। ये सही कहा गया है कि सभी लोगों का छोटा प्रयास एक बड़ा परिणाम दे सकता है जैसे कि बूंद-बूंद करके तालाब, नदी और सागर बन सकता है।

जल संरक्षण के लिये हमें अतिरिक्त प्रयास करने की जरुरत नहीं है, हमें केवल अपने प्रतिदिन की गतिविधियों में कुछ सकारात्मक बदलाव करने की जरुरत है जैसे हर इस्तेमाल के बाद नल को ठीक से बंद करें, फव्वारे या पाईप के बजाय धोने या नहाने के लिये बाल्टी और मग का इस्तेमाल करें। लाखों लोगों का एक छोटा सा प्रयास जल संरक्षण अभियान की ओर एक बड़ा सकारात्मक परिणाम दे सकता है।


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