
ग्रीटिंग्स कार्ड…जिसे ग्रीटिंग्स भेजा जाता था,उसके प्रति कई तरह की फीलिंग्स होती थी… ग्रीटिंग्स प्राप्त करने वाला भी संदेश पढ़कर भेजने वाले की भावनाओं को समझता था…इससे आपसी प्रेम बढ़ने के साथ संबंध मजबूत होते थे…सोशल मीडिया के दौर में ग्रीटिंग्स कार्ड कहीं पीछे छूट गया है
कमलेश यादव:दीपावली महज त्यौहार नही है यह करोड़ो लोगों की एक दूसरे के भावनाओं को प्रकट करने का खास दिन है।दीये की रोशनी से मन के अंधकार को मिटाया जाता है।एक दूसरे को दीपावली की शुभकामनाएं और बधाई भी देते है।इसमे खास महत्व रखता था दीपावली ग्रीटिंग्स कार्ड्स जिसमें अपनी भावना रूपी शब्दो को पिरोकर हम अपने खास दोस्तो रिश्तेदारों को गिफ्ट देते थे।यकीन मानों एक एक शब्द जैसे दिल पर लगता हो।व्हाट्सएप फेसबुक इंस्ट्राग्राम जैसे सोशल मीडिया के दौर में अब ग्रीटिंग कार्ड्स किसी सपने से कम नही।धीरे धीरे हमारे बीच से विलुप्त हो रहे है।
अब फीलिंग्स नहीं, सिर्फ खानापूर्ति
सोशल मीडिया के दौर में फॉरवर्डेड शुभकामनाएं भेजने का चलन बढ़ गया है। कहीं से मैसेज आया, उसे किसी दूसरे को भेज दिया। इसमें फीलिंग्स नहीं हैं, सिर्फ खाना पूर्ति के लिए शुभकामनाएं भेजी जा रही हैं। जबकि ग्रीटिंग्स कार्ड के दौर में लोग अपने हाथों से भी कुछ मैसेज और कोई याद आदि लिखते थे। जिसे ग्रीटिंग्स भेजा जाता था, उसके प्रति कई तरह की फीलिंग्स होती थी। ग्रीटिंग्स प्राप्त करने वाला भी संदेश पढ़कर भेजने वाले की भावनाओं के समझता था। इससे आपसी प्रेम बढ़ने के साथ संबंध मजबूत होते थे। अब ऐसा नहीं है
अब दीपावली पर एक-दूसरे को ग्रीटिंग्स कार्ड देना पुरानी बात हो गई है। सोशल मीडिया (Social Media) के दौर में मोबाइल संदेशों से नए साल और दीपावली समेत अन्य अवसरों पर शुभकामनाएं भेजने का चलन बढ़ गया है। अब तो लोग व्हाट्सऐप, फेसबुक मैसेंजर, टेलीग्राम, ट्विटर, इंस्टाग्राम और एसएमएस के जरिए बधाई और मंगलकामनाएं भेज रहे हैं। ग्रीटिंग्स कार्ड कहीं पीछे छूट गया है।