
मेरी मां ने मुझसे जो आखिरी बात कही थी वह थी, बस खुद पर विश्वास करो… हम जल्द ही वापस आएंगे… मेरे पिता के आखिरी शब्द थे बेटा, हिम्मत रखना…छात्रा ने सीबीएसई10वीं में किया टॉप,कोरोना से खोए थे माता-पिता
किसी भी छात्र के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि होती है कि वे सीबीएसई की 10वीं कक्षा में टॉपर में शामिल हो, लेकिन यह अधिक विशेष तब हो जाती है जब 16 की उम्र में माता-पिता को खोने के बावजूद अर्जित की गई हो। दो महीने पहले, जब एक ओर परीक्षाओं के स्थगित होने की खबरें आ रही थीं, तब उसकी पूरी दुनिया अंधेरे में डूब गई। उसके माता-पिता ने कोरोना संक्रमण के कारण अस्पताल में ही दम तोड़ दिया। परिवार के नाम पर सिर्फ वह और उसका 10 वर्षीय भाई विवान बचा था।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल की 16 वर्षीय बेटी वनिशा पाठक ने सीबीएसई कक्षा 10वीं की टॉपर बन कर न केवल शहर का नाम रोशन किया है, बल्कि कोरोना के कारण दिवंगत अपने माता-पिता को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की है।”
छोटा भाई अभी प्रेरणा का सबसे बड़ा स्रोत
एक टीवी चैनल से बातचीत में वनिशा ने बताया कि मुझे मुख्य रूप से मेरे माता-पिता की यादों ने प्रेरित किया और यह मुझे जीवन भर प्रेरित करेगी। लेकिन छोटा भाई अभी प्रेरणा का सबसे बड़ा स्रोत है। वनिशा ने कहा, मेरी मां ने मुझसे जो आखिरी बात कही थी, वह थी, बस खुद पर विश्वास करो… हम जल्द ही वापस आएंगे। मेरे पिता के आखिरी शब्द थे बेटा, हिम्मत रखना।
आखिरी बार अस्पताल जाते देखा था
उल्लेखनीय है कि वनिशा के पिता जीतेंद्र कुमार पाठक एक वित्तीय सलाहकार थे, और उसकी मां, डॉ सीमा पाठक एक सरकारी स्कूल में शिक्षिका थीं। जब वे एक साथ अस्पताल के लिए निकले थे, तब आखिरी बार उसने उन्हें जीवित देखा था। इसके बाद सिर्फ एक भयानक खबर मिली और उसकी पूरी खुशहाल दुनिया उजड़ गई। इस विपदा के साथ ही उसकी परीक्षाएं भी नजदीक थीं। अभी, वनिशा और उसका भाई अपने मामा – भोपाल के एक कॉलेज में प्रोफेसर डॉ अशोक कुमार के साथ रहते हैं।
पापा का सपना ही मेरा सपना है
बकौल वनिशा, मेरे पिता मुझे आईआईटी में पढ़ते देखना या यूपीएससी को क्रैक करके देश की सेवा करते चाहते थे। उनका यही सपना, अब मेरा सपना है। अपने आंसुओं को रोकते हुए, उदास स्वरों को एक कविता के रूप में व्यक्त करती हुई कहती हैं- मैं एक मजबूत लड़की बनूंगी, डैडी, आपके बिना …।”