
अच्छाईयों का विस्तार करें ,नेकियों के बीज बोएं ,मदद के लिए हाथ बढ़ाएं,व्यवस्था को कोसने के बजाय व्यवस्था को बदलने में मददगार बनें
गोपी साहू:ज़िंदगी तो वही है कुछ अच्छी बातें हैं तो कुछ बुरा भी है पर यह क्या, हम बुराईयों को ,गलतियों को ,नकारात्मक बातों को बढ़ा-चढ़ा कर प्रस्तुत करते हैं। पत्रकारिता का एक ध्येय कमियों को ,खामियों को बतलाना है…..वह इसलिए ताकि व्यवस्था में सुधार हो ,कमियां पता चले ,दोष दूर हो….पर नकारात्मक समाचारों ने हमारे दिल-दिमाग पर कब्ज़ा कर लिया है। दुनिया में इतना बुरा हो रहा है हमसे भी ज़रा सी गलती हो गई तो क्या हुआ ….इस नज़रिये के बजाय ज़रूरत है यह सोचने की कि इतनी अच्छी बातों में ,इतने सत्कर्मों में हम कहां हैं….ये लोग इतना अच्छा कर रहे हैं तो हम क्यों नहीं …..हमने क्यों नहीं सोचा,हमें भी कुछ अच्छा करना है …
अच्छाईयों का विस्तार करें ,नेकियों के बीज बोएं ,मदद के लिए हाथ बढ़ाएं,व्यवस्था को कोसने के बजाय व्यवस्था को बदलने में मददगार बनें। अच्छी खबरों की बहुत ज़रूरत है हमें,सकारात्मक खबरों की ज़रूरत है हमें,सुंदर सोच की ज़रूरत है, काले धन को हटाने की जितनी बड़ी ज़रूरत है उतनी ही ज़रूरत काले मन को साफ करने की भी है तो आइए एक अभियान हम भी शुरू करें ….अच्छी खबरों को,सकारात्मक बातों को फैलाने का अभियान……..