विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने कहा-आयुर्वेद को कमतर मानने की मानसिकता को बदलें…लोगों में स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता बढ़ाए जाने की भी जरूरत

दुनिया में इस समय जन केंद्रित स्वास्थ्य व्यवस्था की जरूरत है। सभी देश इसके लिए ज्यादा से ज्यादा धन का निवेश करें। यह बात विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने कही है। वह वैश्विक आयुर्वेद महोत्सव 2021 के चौथे सत्र में बोल रही थीं। सौम्या ने कहा, लोगों में स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता बढ़ाए जाने की भी जरूरत है। इससे लोग समय रहते अपनी बीमारियों के बारे में जागरूक हो सकेंगे और उनका इलाज करा सकेंगे। स्वास्थ्य सुविधाओं में इजाफा होने से आम आदमी उनका लाभ उठा सकेगा। वह उसमें सुधार के संबंध में अपनी राय भी व्यक्त कर सकेगा। इसके लिए देशों को शोध कार्यो में निवेश बढ़ाने और संसाधनों का विकास करने की जरूरत है।

डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक ने कहा, आयुर्वेद और अन्य चिकित्सा पद्धतियों को कमतर आंकने की मानसिकता बन चुकी है। इससे हमें उबरना होगा। वास्तव में आयुर्वेद और अन्य परंपरागत चिकित्सा पद्धतियां बीमारियों से लड़ने में काफी मदद करती हैं। इसलिए आधुनिक दवाओं और परंपरागत इलाज में कभी तुलना नहीं करनी चाहिए। दोनों के इस्तेमाल से लोगों को लाभ पहुंचाने की रणनीति बनानी चाहिए और उस पर कार्य करना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को इस महोत्सव का वर्चुअल उद्घाटन किया था। यह महोत्सव 19 मार्च तक चलेगा। इस महोत्सव में 35 विदेशी विद्वान व शोधकर्ता और 150 से ज्यादा भारतीय वैज्ञानिक आयुर्वेद पर अपने विचार रखेंगे। मौजूदा समय में आयुर्वेद के इस्तेमाल की व्यवहारिकता के बारे में बताएंगे।


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