
आपने कभी ऐसे मशरूम देखे हैं जो रात के अंधेरे में हरे रंग की रोशनी जैसे चमकते हों…वैज्ञानिकों ने खोजी ये खास प्रजाति,गांव के लोग इसका उपयोग टॉर्च की तरह करते हैं
*वैज्ञानिकों की एक टीम ने हमारे ही देश के पूर्वोत्तर हिस्से में बांस के जंगलों में मशरूम की एक ऐसी प्रजाति खोजी है जो रात के अंधेरे में हरे रंग की रोशनी से जगमगाते हैं
*इन्हें बायोल्यूमिनिसेंट कहा जाता है। ये जीवित प्रजातियों की वो किस्म है जो रात के अंधेरे में प्रकाश छोड़ती है
जंगली इलाकों में बारिश के बाद कुछ कवक यानी मशरूम अपने आप उग जाते हैं, लेकिन क्या आपने कभी ऐसे मशरूम देखे हैं जो रात के अंधेरे में हरे रंग की रोशनी जैसे चमकते हों? आपको सुनने में ये बात भले ही अजीब लगे, लेकिन वैज्ञानिकों की एक टीम ने हमारे ही देश के पूर्वोत्तर हिस्से में बांस के जंगलों में मशरूम की एक ऐसी प्रजाति खोजी है जो रात के अंधेरे में हरे रंग की रोशनी से जगमगाते हैं। मशरूम की यह विशेष प्रजाति मेघालय में मिली है। इन्हें बायोल्यूमिनिसेंट कहा जाता है। ये जीवित प्रजातियों की वो किस्म है जो रात के अंधेरे में प्रकाश छोड़ती है।
रिसर्चर्स ने ये पाया कि इस तरह के मशरूम रोरिडोमायसिस जीनस के सदस्य हैं जो एक नई स्पीशिज है। ये रिसर्च बॉटनी जर्नल फाइटोटेक्सा में प्रकााशित हुई। इसका शीर्षक ‘रोरिडोमाइसिस फाइलोस्टेकाइडिस’ था। आमतौर पर बायोल्यूमिनिसेंट समुद्र में पैदा होते हैं। लेकिन ये जमीन पर उगते हुए भी देखे गए हैं। इनसे जो लाइट निकलती है वो इसमें मौजूद केमिकल प्रॉपर्टीज की वजह से होती है।
मेघालयवासी ये नहीं जानते कि इस तरह के मशरूम खाने लायक है या नहीं। वे इसका इस्तेमाल अंधेरे में टॉर्च की तरह करते हैं। गोवा में पंजिम से 50 किमी दूर भी चमचमाते हुए इन मशरूम को देखा जा सकता है। ये मशरूम रात के अंधेरे में भी चमकते हैं लेकिन बहुत कम लोग इसे देख पाते हैं।