
क्या है मोरेटोरियम…बैंक से लोन लिया है,जानिए कैसे नए मोरेटोरियम से मिलेगी मदद…ऐसे करे अप्लाई
Key points
यह बैंकों के ऊपर है कि वे आपको इसका लाभ देंगे या नहीं और किस तरह देंगे
लोन पर मोरेटोरियम आपका अधिकार नहीं है, यह बैंक की एक सुविधा के रूप में है
पिछली बार मोरेटोरियम को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक बैंकों, सरकार और ग्राहकों के बीच लड़ाई चली थी
भारतीय रिजर्व बैंक ने कर्जदारों को 30 सितंबर, 2021 तक का समय दिया है ताकि वे अपने लोन के रिस्ट्रक्चरिंग के लिए बैंक से संपर्क कर सकें एक बार जब आप नए मोरेटोरियम के लिए आवेदन करते हैं, तो बैंक को सभी शर्तों को पूरा करने पर 90 दिनों के भीतर इसे लागू करना होगा
कोरोना की दूसरी लहर में एक बार फिर रिजर्व बैंक ने अचानक राहत पैकेज लाकर चौंका दिया है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इसी राहत पैकेज में अगर आपने बैंक से लोन लिया है तो उस पर मोरेटोरियम की सुविधा शुरू करने के लिए बैंकों से कहा है। हालांकि यह बैंकों के ऊपर है कि वे आपको इसका लाभ देंगे या नहीं और किस तरह देंगे, यह भी उन्हीं के ऊपर है। हम बताते हैं कि आपको इस मोरेटोरियम से कैसे मदद मिल पाएगी।
RBI ने महामारी के कारण देश भर में लॉकडाउन के कारण होने वाली दिक्कतों से उबरने के लिए 2 साल तक के लोन मोरेटोरियम की घोषणा पहली बार की थी।
मोरेटोरियम की प्रमुख बातें
लोन लेने वाले वे लोग, जो पहले मोरेटोरियम में इसका फायदा नहीं उठा पाए थे अब वे इस दूसरे ऑफर में फायदा उठा सकेंगे। पहले वाले अपने मोरेटोरियम पीरियड को बढ़वा सकेंगे।
किसे फायदा मिलेगा
व्यक्तियों और छोटे व्यवसायों और MSME जिनके पास 25 करोड़ रुपए तक का कुल एक्सपोजर है और जिन्होंने पहले के रीस्ट्रक्चरिंग से कोई लाभ नहीं उठाया है। जिन्हें 31 मार्च, 2021 तक स्टैंडर्ड लोन के रूप में क्लासीफाई किया गया था, वे रिजोल्यूशन फ्रेमवर्क 2.0 के तहत इसके लिए योग्य होंगे।
क्या मैंने पहली बार मोरेटोरियम लिया था तो मुझे फायदा मिलेगा
हां, जिन लोगों ने पहली बार इसका फायदा उठाया है, उनको भी इसका लाभ मिलेगा। जिन कर्जदारों ने पिछले साल पहले मोरेटोरियम का लाभ नहीं उठाया था वे भी इसका फायदा ले सकते हैं। पिछली बार का मोरेटोरियम 2 साल तक के लिए था।
पहली बार मोरेटोरियम बहुत लोगों ने नहीं लिया
कई व्यक्तिगत कर्जदार हैं जिन्होंने इस लोन मोरेटोरियम का विकल्प पहली बार नहीं चुना। अब उन्हें अपने कर्ज चुकाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। रीपेमेंट पर कोई भी डिफ़ॉल्ट न केवल इंटरेस्ट और पेनाल्टी के मामले में खर्च बढ़ा देते हैं, बल्कि किसी की क्रेडिट हिस्ट्री को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। इससे भविष्य में मिलने वाले लोन में दिक्कतें आती हैं। जो भविष्य की साख (future creditworthiness) को कम करता है।
दिसंबर 2020 में समाप्त हो गया था समय
चूंकि पिछले मोरेटोरियम के लिए आवेदन करने का समय दिसंबर 2020 में समाप्त हो गया था, इसलिए इन कर्जदारों के पास उस मोरेटोरियम का लाभ उठाने का कोई विकल्प नहीं बचा था। रिजर्व बैंक द्वारा घोषित नए मोरेटोरियम से उन्हें बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि वे अब दूसरे मोरेटोरियम का लाभ उठा सकते हैं।
मैं लोन भरने में डिफॉल्ट हो गया तो फायदा मिलेगा
नहीं। ध्यान रखें कि नए मोरेटोरियम का फायदा आपको तभी मिलेगा, जब 31 मार्च 2021 तक लोन चुकाने में आपने कोई डिफॉल्ट नहीं किया होगा। इससे पहले के लोन मोरेटोरियम में फेज 1 में 1 मार्च, 2020 से 30 मई 2020 तक 3 महीने के मोरेटोरियम का विकल्प चुनने की अनुमति दी गई थी। बाद में इसे 3 महीने बढ़ाकर 31 अगस्त 2020 कर दिया गया।
2 साल के लिए बढ़ाया गया था समय
रिजर्व बैंक ने रिस्ट्रक्चरिंग के तहत मोरेटोरियम को 2 साल तक बढ़ाया था। यदि आपने 2020 में मोरेटोरियम का विकल्प चुना है, तो आप एक नया मोरेटोरियम प्राप्त करने के पात्र होंगे जिसके तहत आपके शेष अवधि को 2 साल तक बढ़ाया जा सकता है।
बैंक चाहे तो समय बढ़ा सकता है
जिन्होंने रिजोल्यूशन फ्रेमवर्क 1.0 के तहत अपने लोन के रिस्ट्रक्चरिंग का लाभ उठाया है। साथ ही जहां रिजोल्यूशन प्लान में दो वर्ष से कम की मोरेटोरियम की अनुमति है, बैंक को मोरेटोरियम की अवधि बढ़ाने और/या बची हुई अवधि को कुल 2 वर्ष तक बढ़ाने तक ऐसी योजनाओं को संशोधित करने के लिए इस विंडो का उपयोग करने की अनुमति दी जा रही है। जबकि बाकी सभी शर्ते हैं पहले जैसी ही रहेंगी।
नए मोरेटोरियम के लिए आवेदन करने के लिए अंतिम तारीख
भारतीय रिजर्व बैंक ने कर्जदारों को 30 सितंबर, 2021 तक का समय दिया है ताकि वे अपने लोन के रीस्ट्रक्चरिंग के लिए बैंक से संपर्क कर सकें एक बार जब आप नए मोरेटोरियम के लिए आवेदन करते हैं, तो बैंक को सभी शर्तों को पूरा करने पर 90 दिनों के भीतर इसे लागू करना होगा।
क्या है मोराटोरियम?
जब किसी प्राकृतिक या अन्य आपदा के कारण कर्ज लेने वालों की वित्तीय हालत खराब हो जाती है तो कर्ज देने वालों की ओर से भुगतान में कुछ समय के लिए मोहलत दी जाती है। कोरोना संकट के कारण देश में भी लॉकडाउन लगाया गया था। इस कारण बड़ी संख्या में लोगों के सामने रोजगार का संकट पैदा हो गया था। इस संकट से निपटने के लिए आरबीआई ने 6 महीने के मोराटोरियम की सुविधा दी थी। इस अवधि के दौरान सभी प्रकार के लोन लेने वालों को किस्त का भुगतान करने की मोहलत मिल गई थी।