समृद्धि की फसल…मातृशक्ति पद्मश्री फूलबासन यादव ने जिमीकंद की खेती कर शुरू की नई कृषि क्रांति…20 लाख बीजों का लक्ष्य सिर्फ संख्या नहीं है, यह उन सपनों का प्रतीक है जो महिलाएं इस अभियान के जरिए बुन रही हैं

कमलेश यादव : माँ बम्लेश्वरी फेडरेशन की अध्यक्ष पद्मश्री फूलबासन यादव को पूरे देश में कौन नहीं जानता। उनका जीवन अपने आप में एक खुली किताब है। महिलाओं के जीवन में बदलाव लाने के लिए पद्मश्री फूलबासन यादव ने “जिमीकंद लगाओ, पैसा कमाओ” अभियान की शुरुआत की है। इस अनूठी पहल के तहत महिलाओं को अपने घर के बाड़ी में जिमीकंद की खेती करने के लिए प्रेरित किया गया है। इसका उद्देश्य न केवल उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है, बल्कि समाज में उनकी स्थिति को मजबूत करना भी है। इस अभियान में 20 लाख जिमीकंद के बीज बोने का बड़ा लक्ष्य रखा गया है, जिसे महिलाएं सामूहिक प्रयासों से पूरा कर रही हैं।

पद्मश्री फूलबासन यादव, ने जीवन भर महिलाओं के उत्थान के लिए संघर्ष किया है। उनका हमेशा से मानना ​​रहा है कि अगर महिलाओं को सही दिशा और अवसर मिले तो वे समाज और देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं। जिमीकंद की खेती के जरिए उन्होंने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की नई राह दिखाई है। यह अभियान महिलाओं के लिए एक नई शुरुआत साबित हो रहा है, जहां वे अपने ही हाथों से आर्थिक समृद्धि की फसल उगा रही हैं।

अभियान का उद्देश्य:
जिमीकंद की खेती के माध्यम से महिलाओं को अतिरिक्त आय का स्रोत प्रदान करना।
खेती के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना। जिमीकंद के पौष्टिक गुणों के माध्यम से परिवारों के पोषण स्तर में सुधार करना।
महिलाओं को अपने आस-पास की भूमि जैसे बाड़ी का उचित उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना।जिमीकंद की खेती के माध्यम से जैविक कृषि और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना।

इस अभियान ने यह साबित किया है कि महिलाओं में असाधारण क्षमता है, और जब उन्हें सही दिशा और साधन दिए जाते हैं, तो वे असंभव को भी संभव कर सकती हैं। 20 लाख बीजों का लक्ष्य सिर्फ संख्या नहीं है, यह उन सपनों का प्रतीक है जो महिलाएं इस अभियान के जरिए बुन रही हैं—आर्थिक स्वतंत्रता, आत्मसम्मान, और एक उज्जवल भविष्य का सपना।

“जिमीकंद उगाओ, पैसा कमाओ” सिर्फ़ एक कृषि अभियान नहीं है, यह महिला सशक्तिकरण की एक नई क्रांति है। पद्मश्री फूलबासन यादव की यह पहल न सिर्फ़ ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रही है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भरता की दिशा में नए अवसर भी प्रदान कर रही है। यह अभियान नारी शक्ति का एक जीवंत उदाहरण है, जो उन्हें स्वावलंबी बनाता हैं।


जवाब जरूर दे 

आप अपने सहर के वर्तमान बिधायक के कार्यों से कितना संतुष्ट है ?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles