
जीवन मंत्र:किसी भी लक्ष्य प्राप्ति के लिए आपको स्वस्थ होना जरूरी है…हमारे आसपास मौजूद पशु-पक्षियों की आदतों और गतिविधियों पर ग़ौर करें तो इनसे स्वस्थ ज़िंदगी जीने के तरीके सीख सकते हैं
गोविंद साव:पहला सुख निरोगी काया,स्वस्थ शरीर मे स्वस्थ मन निवास करता है और स्वस्थ मन से किये हुए हर कार्य सफलता के द्वार खोलती है।जिंदगी की आपाधापी और प्रतिस्पर्धा की दौड़ में हम स्वयं को समय नही दे पा रहे है।असमय बीमारियों से मनुष्य जकड़ते जा रहा है यकीनन चिंतन का विषय है।पशु पक्षियां कुदरती माहौल में अपना इलाज स्वयं करते है यदि इनके क्रियाकलापों का सूक्ष्म विश्लेषण करें तो मनुष्य ताउम्र स्वास्थ्य लाभ ले सकता है।भोर होते ही चिड़ियों का चहकना,मतलब ब्रम्ह मुहूर्त में उठकर प्राण वायु लेने से काफी लाभदायक है।आइये इस लेख में जानते है ऐसी ही चुनिंदा बातों के बारे में।
पक्षी की तरह मनुष्य को भोजन आराम से चबाते हुए खाना चाहिए। अगर एक साथ बहुत सारा भोजन खाने की आदत है, तो इसे अभी बदल दीजिए। पक्षी जब भोजन या फल खाते हैं, तो आराम से और स्वाद लेकर खाते हैं। निवाले को धीरे-धीरे चबाते हैं। वे भोजन एक साथ यानी बहुत सारा ना खाकर दिन भर में थोड़ा-थोड़ा खाते हैं। यही वजह है कि वे स्वस्थ रहते हैं और फिट भी। विशेषज्ञ भी मानते हैं कि खाना थोड़ा-थोड़ा खाना चाहिए। तीन-चार सत्रों में खाएं, लेकिन थोड़ा खाएं। इससे पाचन ठीक रहता है और वज़न नियंत्रित।
बिल्ली हो या श्वान नींद से जागते या उठते समय शरीर को खींचते यानी स्ट्रेच करते हैं। खुलकर जम्हाई लेते हैं और नाक से लेकर पूंछ तक शरीर को खींचते हैं। आपने उन्हें दिन भर में कई बार यह व्यायाम करते हुए देखा होगा। इस तरह स्ट्रेचिंग करना हम पशुओं से सीख सकते हैं। बिस्तर से उठते ही हाथों को सिर के ऊपर सीधा ले जाएं, आराम से पैरों और शरीर को ऊपर की तरफ़ कुछ सेंकड के लिए खींचें। इस व्यायाम को दिन में कई बार कर सकते हैं। इससे शरीर लचीला होगा, मांसपेशियां मज़बूत होंगी और हडि्डयों के जोड़ स्वस्थ रहेंगे।
हम बचपन से सुनते आए हैं कि ‘अर्ली टू बेड अर्ली टू राइज़’ यानी कि रात को जल्दी सोना और सुबह जल्दी उठना स्वस्थ बनाता है। पक्षी इस मंत्र को बेहतर समझते हैं। वे अंधेरा होने से पहले ही घोंसलों में चले जाते हैं और सुबह रोशनी होने से पहले उठ जाते हैं। जबकि हम इंसानों में कई लोग देर तक जागते हैं और देर तक सोते रहते हैं। हमें भी जल्दी सोने और सुबह जल्दी उठने की आदत डालनी चाहिए। यह मूल मंत्र शारीरिक और मानसिक समस्याओं को दूर रखता है। शरीर ऊर्जावान भी बना रहता है। जल्दी उठकर पक्षियों की तरह ताज़ी हवा भी लें।
श्वान हमेशा टहलने और खेलने के लिए तैयार रहते हैं। अगर उनके साथ कोई ना भी खेले, तो वे अकेले दौड़ते हुए या किसी वस्तु के साथ खेलते हैं। यही उनकी सेहत और फिटनेस का कारण भी है। अगर स्वस्थ रहना है, तो उनकी तरह सक्रियता बनाए रखें। जीवनशैली में दौड़ने या किसी खेल को खेलने की आदत अपनाएं। उनकी तरह शरीर को सक्रिय रखने के साथ-साथ दिन में छोटी झपकी भी लें। यह सावधानी और दिमाग़ की उत्पादकता में वृद्धि करती हैं। सेहत अच्छी रहती है और दिमाग़ दोगुनी रफ्तार से काम करता है। काम बेहतर तरीक़े से कर पाते हैं।”