आदिवासी महिलाओं का समूह है ‘मां दंतेश्वरी हर्बल समूह’ जो कि लगा हुआ है दो दशकों से औषधि पौधे लगाने में…देश के पहले सर्टिफाइड ऑर्गेनिक हर्बल फार्म ने अनूठे अंदाज में मनाया 74 वां स्वतंत्रता दिवस…74- हजार औषधीय पेड़ पौधे रोप डाले देश के 74 – वें ‘स्वतंत्रता दिवस’ के अवसर पर

कोंडागांव स्थित अपने जैविक पद्धति से उगाई गई दुर्लभ जड़ी बूटियों तथा अपनी अनूठी “हर्बल चाय” के लिए देश विदेश में मशहूर अध्यक्ष श्री हर्बल समूह के द्वारा अनूठे ढंग से स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। इस समूह की आदिवासी महिलाओं के द्वारा स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष पर , बारिश की फुहारों के बीच “मां दंतेश्वरी हर्बल फार्म तथा रिसर्च सेंटर” चिकलपुटी में 2001 मुनगा के पेड़ व 2001 आंवले के पेड़ लगाए गए। इसके साथ ही वर्ष भर ऑक्सीजन देने वाले पीपल ,बरगद ,पाकर आदि के बृक्षों का भी रोपण किया गया। कार्यक्रम के दूसरे चरण में जिला उद्योग केंद्र स्थित “मां दंतेश्वरी हर्बल प्रसंस्करण इकाई” के परिसर की बाउंड्री पर जैविक बाढ़ यानी कि बायोफेंसिंग हेतु 501 ऑक्सीजन देने वाले व औषधीय पौधों का रोपण किया गया। उल्लेखनीय है कि कोरोना व डायबिटीज सहित 16 सोलह असाध्य बीमारियों की रोकथाम करने मैं सक्षम देश विदेश में मशहूर व लोकप्रिय “हर्बल चाय” तथा प्रतिशत शुद्ध सफेद मूसली के जैविक कैप्सूल इसी इकाई में बनाए जाते हैं।

कार्यक्रम के तीसरे तथा अंतिम चरण में मां दंतेश्वरी हर्बल समूह के कार्यालय डीएनके में झंडारोहण किया गया, इसी तारतम्य में मसोरा स्थित हर्बल फार्म पर काली मिर्च, आंवला तथा स्टीविया अर्थात मीठी तुलसी, सफेद मूसली आदि वनौषधियों का रोपण किया गया।इस प्रकार चौहत्तरवे स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कुल 74000 चौहत्तर हजार औषधीय वृक्षों व पौधों का रोपण किया गया। संस्था के विभिन्न स्थानों पर झंडारोहण संस्था के संस्थापक डॉ राजाराम त्रिपाठी व शिप्रा त्रिपाठी के द्वारा किया गया।

झंडारोहण, मिष्ठान वितरण तथा वृक्षारोपण आदि सभी कार्यक्रमों को सफल बनाने में संस्था के शिप्रा त्रिपाठी, अनुराग कुमार, जसमती नेताम, बलई चक्रवर्ती, कृष्ण कुमार पटेरिया, रमेश चंद्र पंडा, अपूर्वा त्रिपाठी, कृष्णा नेताम, शंकर नाग, संजय, बिलची कोराम ,शामबती अशोक सहित सभी महिला सदस्यों का महत्वपूर्ण योगदान रहा

कार्यक्रम में संपदा समाजसेवी संस्था के समस्त सदस्यों ने भी सक्रिय भागीदारी निभाते हुए, औषधीय वृक्षारोपण के कार्यक्रम में श्रमदान किया। कार्यक्रम में मास्क तथा सुरक्षित दूरी पर विशेष ध्यान दिया गया साथ ही कोरोना से बचाव हेतु प्रशिक्षण भी दिया गया।


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