
खुद पर भरोसा रखने और अपनी क्षमताओं पर कभी संदेह न करने का मूल मंत्र देने वाली स्टार्टअप कंपनी ‘सरप्राइज समवन’ की निदेशक पिंकी माहेश्वरी
Startup Mahakumbh 2024: 10 साल कॉर्पोरेट जगत की नौकरी। लाखों में वेतन, ऐशो आराम की जिंदगी, उपलब्धियों-पर सिद्धियों के बाद भी कुछ ऐसा है, जो जिंदगी में आवश्यक है। क्या है वह? उस चीज की पहचान, जो आपको संतोष देती है, स्वयं से पहचान कराती है। त्वरित जवाब देती हैं पिंकी माहेश्वरी। वह जयपुर की स्टार्टअप कंपनी ‘सरप्राइज समवन’ की संस्थापक हैं।
विगत दिनों उन्हें महिला दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति भवन में आमंत्रित किया गया था। वर्ष 2015 में आरंभ कंपनी को दो साल के भीतर भारत सरकार के शीर्ष 50 में श्रेणीगत किया गया। इसके साथ ही पहला ऑर्डर, जो कंपनी को मिला वह प्रधानमंत्री कार्यालय से ही था। यह सब उनके लिए अविश्वसनीय था, पर यहां पिंकी यह कहते हुए महिलाओं को प्रेरित करना चाहती हैं कि स्वयं पर भरोसा करो और अपने कौशल पर संदेह न करो, तो हम स्त्रियां असंभव को संभव कर सकती हैं और कर भी रही हैं। दिल्ली में आयोजित स्टार्टअप महाकुंभ-2024 में देश-विदेश से आईं जानी-मानी महिला उद्यमियों में पिंकी माहेश्वरी भी सम्मिलित हुईं।
कमाया है भरोसा
पर्यावरण संरक्षण में महिलाओं की भूमिका सर्वविदित है। महिला उद्यमियों ने इसमें नया रंग दिया है। पिंकी माहेश्वरी भी इसी महती काम को कर रही है। बता दें कि वह शीर्ष कंपनी हिंदुस्तान लीवर के कई ब्रैंड के उच्च पदों के साथ वोडाफोन कंपनी में भी शीर्ष पद पर रह चुकी हैं। पिंकी कहती हैं, विज्ञापन के क्षेत्र में कई वर्षों का अनुभव मुझे उद्यमिता के क्षेत्र में स्थापित करने में बहुत मदद कर रहा है। इसके साथ ही, मैं लाखों-अरबों की कमाई नहीं, बल्कि लोगों का भरोसा और प्यार कमाना चाहती हूं और कमाया भी है। यही मेरा धन है और इसी की बदौलत कुछ सार्थक करना चाहती हूं।
उद्यमिता को चुनने का कारण क्या था? इस पर पिंकी कहती हैं, जीवन में कुछ अनुभव विशेष होते हैं और परिवर्तनकारी भी। कॉरपोरेट नौकरी के दिनों में निरंतर व्यस्तता और स्वयं के लिए समय न होने के कारण बच्चे को अपनी मां के पास छोड़ देती थी। अपनी भागती-दौड़ती मां को वह हाथ हिलाकर बाय कर देता था, पर एक दिन अचानक उसने मेरी तरफ मुड़कर देखा भी नहीं। यह बात मेरे मन पर गहरी चोट कर गई। मैंने यह बात अपनी मां से साझा की। इस पर मां ने कहा कि अपनी नौकरी को कुछ समय के लिए विराम दो, अन्यथा यह बात और गंभीर हो जाएगी ।
बच्चे को समय न देने की ग्लानि की बात अपनी जगह तो थी ही, लेकिन पिंकी के साथ एक और दिलचस्प बात हो गई। मेरे नन्हें बेटे ने मुझे इस कंपनी को खड़ा करने का विचार दे दिया। वह कहती हैं कि रंगों से खेलते हुए और कागजों को बर्बाद करते बेटे को देखकर जब उसे मैंने समझाया कि कागज पेड़ों को काटकर बनता है और कागज बर्बाद करने से पर्यावरण को नुकसान होता है। इस पर बच्चे ने तपाक से कहा कि मां, क्या कागज आप बनाती हो। यह बहुत अटपटा था, पर शोचनीय था। बता दें कि पिंकी की मां पर्यावरणविद हैं।
अतः मां ने सलाह दी कि कागज बिना पेड़ कटे भी बन सकता है। मैंने मां की बात पर अमल किया और शुरू हो गया ‘सरप्राइज समवन’। मेरे साथ बड़ी संख्या में महिलाएं जुड़ी हैं। पिंकी उन्हें कौशल प्रशिक्षण के साथ वित्तीय संरक्षण भी दे रही हैं।