हालात मुश्किल सही पर जिंदगी हार नहीं मानती…समस्याओं के बीच भी उम्मीद की किरण..किसी ने नाव पर तो किसी ने ट्रेन में दिया बच्चे को जन्म…

दुनिया इस समय जानलेवा वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से जंग लड़ रही है। भारत में इस महामारी के साथ अन्य आपदाएं भी संकट का सबब बनी हुई हैं। पहले महाराष्ट्र और बंगाल में चक्रवात ने कहर बरपाया तो अब असम और बिहार जैसे राज्य बाढ़ के प्रकोप से जूझ रहे हैं। लेकिन, समस्याओं के बीच भी रफ्तार बनी रहे, इसी का नाम जिंदगी है। इसी परिभाषा को साकार स्वरूप देतीं दो घटनाएं दो राज्यों से सामने आई हैं जो बताती हैं कि हालात कितने भी मुश्किल क्यों न हों उनके बीच रास्ता बनाने का नाम ही जिंदगी है।

पहली घटना बिहार की है जो फिलहाल बाढ़ से जूझ रहा है। यहां के पूर्वी चंपारन जिले में रविवार को एक 25 वर्षीय महिला ने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की बचाव कार्य में प्रयुक्त हो रही नाव पर बच्ची को जन्म दिया। बता दें कि पूर्वी चंपारन जिला बिहार के सबसे ज्यादा बाढ़ प्रभावित जिलों में से एक है। जानकारी के अनुसार मां और बच्ची को बाद में एंबुलेंस से नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया जहां दोनों की हालत सुरक्षित बताई जा रही है।

नाव पर बच्ची को जन्म दिया
दूसरी घटना महाराष्ट्र से है जहां मुंबई-वाराणसी स्पेशल ट्रेन में सफर कर रही एक गर्भवती महिला ने रेलवे स्टेशन पर बच्चे को जन्म दिया। जानकारी के अनुसार महिला ने इगतपुरी रेलवे स्टेशन पर रेलवे मेडिकल टीम की सहायता से शनिवार को बच्चे को जन्म दिया था। बाद में मां और बच्चे को आगे के इलाज के लिए इगतपुरी के ग्रामीण अस्पताल में भेज दिया गया। जानकारी के अनुसार जच्चा और बच्चा दोनों सुरक्षित हैं और खतरे से बाहर हैं।


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