पूरी दुनिया में महज ढाई फीसदी ही फ्रेश वाटर है जिसमें एक फीसदी पानी पीने वाला है…नहीं सुधरे तो जल्द खत्म हो जाएगा पीने का पानी, 85 फीसदी तक सूख गए हैं वेटलैंड

हमारे और आपके पीने वाला पानी खत्म होने वाला है। पूरी दुनिया में महज एक फीसदी ही पानी ऐसा है जिसको हम पी सकते हैं। उस पर भी अब संकट के बादल छा गए हैं। दरअसल ये पीने वाला पानी हमें नदियों, झीलों, तालाबों और दूसरी नमी वाली जमीनों से मिलता है। इन जमीनों पर हो रहे लगातार शहरीकरण के कारण वेटलैंड खत्म हो रही है।

पूरे देश में इस वक्त पचास फीसदी से ज्यादा वेटलैंड पर या तो कब्जा हो गया या फिर वो सूख गई। मंगलवार को इंटरनेशनल वेटलैंड डे पर देश के प्रमुख पर्यावरणविदों ने वेटलैंड को बचाने और पीने के पानी को बचाने के लिए मुहिम शुरू की। दरअसल इस साल ‘रामसर संधि’ की थीम पूरी दुनिया में पानी को बचाने की है।

यूनाइटेड नेशन के एशिया एनवायरनमेंट एनफोर्समेंट अवार्ड से सम्मानित प्रमुख पर्यावरणविद और आईएफएस अधिकारी रमेश कुमार पांडे ने कहा कि पूरे देश में जिस तरीके से शहरीकरण हो रहा है वह बहुत ही चिंताजनक है। हमारे पास इस वक्त पीने के पानी का भी संकट है। पूरी दुनिया में महज ढाई फीसदी ही फ्रेश वाटर है जिसमें एक फीसदी पानी पीने वाला है।

जिस तरीके से शहरीकरण हो रहा है और वेटलैंड खत्म हो रहा है उससे यह चिंता स्वाभाविक है कि आने वाले वक्त में हमारी पीढ़ियां पीने के पानी को भी तरस जाएंगी। पर्यावरण विशेषज्ञों के मुताबिक अगले कुछ दशकों में तो पीने वाला पानी खत्म हो जाएगा। इसी को लेकर इस साल की इंटरनेशनल थीम “वाटर” रखी गई है।

सूख गई दुनिया भर की 85 फीसदी वेटलैंड
‘एनवायरमेंटल प्लेटफॉर्म ऑन बायोडायवर्सिटी इकोसिस्टम’ के मुताबिक पूरी दुनिया की तकरीबन 85 फीसदी वेटलैंड सूख चुकी है। पर्यावरणविदों के मुताबिक वेटलैंड में 80 लाख पौधे और पशु पक्षियों की प्रजातियां रहती हैं। हैरानी की बात यह है कि सूख चुके वेटलैंड में इस वक्त दस लाख से ज्यादा प्रजातियों पर विलुप्त होने का खतरा मंडरा रहा है जबकि न जाने कितने तरह की प्रजातियां अब तक पूरी तरीके से विलुप्त हो चुकी है।

पर्यावरणविद रमेश कुमार पांडे का कहना है कि ऐसे वेटलैंड में पक्षियों की पूरी जिंदगी गुजर जाती है, लेकिन खत्म हो रही नमी वाली जमीन से इनका जीवन समाप्त हो रहा है और हम लोगों का जीवन खतरे में है।

देश में हैं 41 संरक्षित वेटलैंड
पूरे देश में इस वक्त 41 संरक्षित वेटलैंड हैं। इसमें सबसे ज्यादा वेटलैंड उत्तर प्रदेश में है। देश में सबसे बड़ा वेटलैंड सुंदरवन है। पूरे देश में इस वक्त 10 लाख 81 हजार हेक्टेयर वेटलैंड है। जो हमें पीने का साफ पानी मुहैया कराता है।

पर्यावरण विशेषज्ञ सुपर्णो कहते हैं कि पानी को बचाने के लिए हम लोगों को ही आगे आना होगा। अगर वेटलैंड नहीं बचेंगे तो पीने का पानी मुश्किल हो जाएगा। साथ ही पशु, पक्षी और हमारा पूरा इकोसिस्टम खत्म हो जाएगा। इसलिए सरकारों के साथ साथ लोगों को अपनी भूमिका भी निभानी चाहिए।


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