
प्राईवेट स्कूल करेगें आरटीई दस्तावेजों की जांच, भड़के पालक
राजनांदगांव। शिक्षा का अधिकार भर्ती को लेकर लगातार हो रही परेशानीयां कम होती नजर नहीं आ रही है। संचालक,लोक शिक्षण संचालनालय के पत्र दिनांक 03/07/2020 ने पालकों की परेशानी को बढ़ा दिया, क्योंकि उनके द्वारा इस समय निजी स्कूलों को आरटीई के अंतर्गत प्रवेश देने के संबंध में दस्तावेज परीक्षण और दूरी की जांच करने का अधिकार दे दिया है, जिसको लेकर छत्तीगसढ़ पैरेंट्स एसोसियेशन ने आपत्ति जताई है और आरटीई भर्ती तत्काल प्रभाव से स्थगित रखने की मांग किया गया है। प्रदेश अध्यक्ष क्रिष्टोफर पॉल का कहना है कि कई निजी स्कूल जिन्हें शिक्षा का अधिकार कानून, नियम, समय-समय में जारी दिशा-निर्देशों और मा. उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश वर्ष 2016 की जानकारी तक नहीं है और कई निजी स्कूलों के द्वारा आरटीई के अंतर्गत गरीब बच्चों को अपने स्कूलों में प्रवेश देने मे हिला-हवाला किया जाता रहा है, वे अब आरटीई के प्रवेश से संबंधित दस्तावेजों की जांच कैसे कर सकते हैं।
श्री पॉल का आरोप है कि कई बड़े निजी स्कूलों के द्वारा आरटीई की सीटों को छिपाया जा रहा है, जिसको लेकर छत्तीगसढ़ पैरेंट्स एसोसियेशन की शिकायत पर संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय, नवा रायपुर ने दिनांक 4 जुलाई 2020 को और संयुक्त संचालक दुर्ग संभाग, शिक्षा विभाग, दुर्ग के द्वारा राजनांदगांव जिले के सभी बड़े प्राईवेट स्कूलों की आरटीई के अंतर्गत विगत तीन वर्षो की एंट्री क्लास और आरटीई के अंतर्गत आरक्षित सीट्स की जांच कर 15 दिवस के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के संबंध में दिनांक 27/06/2020 को पत्र जारी किया गया है, जो कोरोना के बढ़ते मरीजों के कारण ठंडे बस्ते में है।
राजनांदगांव में और कई जगहों को रेड जोन और कंटेंमेट जोन घोषित किया गया हैै। कई लोगों को मरेंटाईन सेंटरों में रखा गया है जिसको लेकर जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा संचालक से आवेदन करने की तिथि बढ़ाने का आग्रह किया गया है, क्योंकि दस्तावेजों का परीक्षण और फिर 15 जुलाई को लॉटरी निकाला जाना संभव नहीं हो पा रहा है। छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसियेशन के द्वारा भी जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाता तब तक भर्ती प्रक्रिया स्थगित करने की मांग किया गया है। राजनांदगांव जिले में इस सत्र में कुल 313 प्राईवेट स्कूलों में कुल 4558 सीटों के लिए 4492 आवेदन भरे जा चुके है।
विगत दो वर्षो से गरीब बच्चों की प्राईवेट स्कूलों में आधी सीटों में भर्ती कर अपना पीठ स्वयं थपथपाने वाली सरकार अब नया दांव खेलना चाहती है। इस वर्ष उससे से भी कम सीटों पर भर्ती कर प्राईवेट स्कूलों को ज्यादा से ज्यादा लाभ पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।