
हम एक ऐसे गांव की बात करेंगे,जहां के लोगों ने अपने गांव को रसायन मुक्त रखने की पहल की है और इस गांव में प्रवेश करते हीं आपको पत्थरों से लिखा मिलेगा, ‘केमिकल फ्री विलेज’ जिसका अर्थ है इस गांव में केमिकल का इस्तेमाल नहीं होता है
गोपी साहू:हम अपनी राजमर्रा की जिंदगी में विभिन्न तरीकों के रसायनों के संपर्क में आते है, जो हमारी सेहत के लिए हानिकारक होते हैं। ऐसे में हम एक ऐसे गांव की बात करेंगे, जहां के लोगों ने अपने गांव को रसायन मुक्त रखने की पहल की है और इस गांव में प्रवेश करते हीं आपको पत्थरों से लिखा मिलेगा, ‘केमिकल फ्री विलेज’, (Chemical free village Enabavi) जिसका अर्थ है इस गांव में केमिकल का इस्तेमाल नहीं होता है।
कहां है यह ‘केमिकल फ्री विलेज’
तेलंगाना (Telangana) का इनभवी गांव (Enabavi Village), जहां के लोगों ने पर्यावरण को बचाने के लिए एक नई पहल की है। इस गांव के लोगों ने ठान लिया है कि अपने गांव में कभी किसी प्रकार के केमिकल का इस्तेमाल होने नहीं देंगे और प्रकृति के द्वारा दिए गए सभी बहुमूल्य उपहार को संभाल कर रखेंगे।
तेलंगाना का पहला ऑर्गेनिग गांव (First Organic village of Telangana)
यह गांव हैदराबाद से 85 किमी दूर बसा हुआ है और इस गांव के पीछे की कहानी भी बहुत अद्भुक्त है। आज से 13 साल पहले यहां के 52 परिवारों ने यह निर्णय लिया था कि वे पूरे तरीके से प्राकृतिक खेती करेंगे, जिसमें किसी भी तरह का पेस्टिसाइड्स या फिर केमिकल का इस्तेमाल नहीं करेंगे।
एक रिपोर्ट से मिले जानकारी के अनुसार इस गांव के लोगों का कहना है कि, वे जब अपने खेतों में फर्टिलाइजर्स और पेस्टिसाइड्स का इस्तेमाल करते थे उस समय ज्यादा पैदावार होती थी, जिससे कमाई भी अच्छी हो जाती थी।लेकिन उसके बाद के साल में न तो किसी तरह का पैदावार होता है और न ही उनकी कमाई होती है। इसी समय उन्हें इस बात का अहसास हुआ कि उनके पूर्वज सही कहते थे कि ये एक धीमा जहर है और यह धीरे-धीरे सबको मार देगा।
इनभवी गांव के पूरे लोग एक साथ मिलकर काम करते हैं। यहां के लोगों ने ऑर्गेनिक खेती के लिए 15 हजार तक का लोन लिया था, लेकिन अब गांव के किसी भी व्यक्ति पर कोई कर्ज नहीं हैं। यहां तक कि इस गांव में रहने वाले हर किसान के घर में एक ट्रैक्टर और एक साइकिल है, जिससे उनकी जिंदगी आसान बन सकें।
गांव के लोगों का कहना है कि, उनके खेत की जमीनें खराब हो गई थीं, जिससे शुरू के 3 से 5 साल में प्रोडक्टिविटी काफी कम हुई थी, लेकिन अब यह बढ़ रही है।बता दें कि,जब यहां के कुछ लोगों ने ऑर्गेनिक खेती (Organic Farming) करने की शुरुआत की थी, तो खेती में नुकसान हुआ जिसको देख गांव अन्य लोग हंसते थे। दूसरे लोगों का कहना था कि वह केवल 1000 रुपये में पेस्टिसाइड्स और फर्टिलाइजर का इस्तेमाल करके अच्छी फसल पैदा कर रहे है। लेकिन जब धीरे-धीरे ऑर्गेनिक खेती से भी अच्छी पैदावार होने लगी तो सभी ने ऑर्गेनिक खेती को अपनाना शुरू किया और धीरे-धीरे वह लोग भी गोबर, नीम के तेल का इस्तेमाल शुरू कर दिए।
हो रही बड़ी मात्रा में उपज
अब इस गांव के किसान चावल, धान, कॉटन, चिली, तिलहन के साथ-साथ दूसरे फल भी उगा रहे है, जो किसान पहले अपने घर का अनाज नहीं पैदा कर पा रहा था, वह भी अब अधिक मात्रा में अनाज और फल की पैदावर कर रहा है।
हैदराबाद से सिंगापुर तक बेचा जा रहा है इनका उत्पाद
इनभवी गांव (Organic Village Enabavi)के किसान ऑर्गेनिक तरीके से खेती को अपना कर अब बडी मात्रा में अनाज की उपज कर रहे हैं तथा अपनी उत्पाद हैदराबाद से लेकर सिंगापुर तक बेच रहे है। अब उनके इस सफलता से अन्य शहर और गांव के किसानों को भी प्रेरणा मिल रही है और वे भी धीरे-धीरे ऑर्गेनिक खेती को अपना रहे हैं।