
रचनात्मकता…एक दिन के लिए शिक्षकीय कार्य का जिम्मा छात्रों को सौपा गया…सभी ने शिक्षक होने के महत्व को समझा…कोरोना टीकाकरण के लिए जागरूकता रैली भी निकाली गई
गोपी साहू:शिक्षक और विद्यार्थी एक दूसरे के पूरक होते है सही मायने में व्यक्ति यदि कुछ सीखना चाहे तो जीवन पर्यन्त वह विद्यार्थी के रूप में कुछ न कुछ सीखते रहता है।छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले के शा.उ.मा. विद्यालय दहिकोंगा में विश्व मानव अधिकार दिवस मनाया गया साथ ही विद्यार्थियों को शिक्षकीय कार्य के अनुभव को सीखाने के लिए स्कूल की पूरी जिम्मेदारी दी गई इसी कड़ी में छात्र/छात्राओं को प्राचार्य से लेकर शिक्षक का दायित्व सौंपा गया।सभी ने एक शिक्षक होने का महत्व क्या है और किन किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है आसानी से सीख लिए।विद्यालय के प्राचार्य टी. पी जोशी आज छात्र नायक की भूमिका में पुरानी स्मृतियों को सभी के साथ साझा किए।शिक्षकों ने भी कक्षा मानीटर कमलेश्वर कुमेटी,देशवती कौशिक,दशरथ लाल ध्रुव, योगेश्वर सिन्हा, हेमलाल देशमुख, शशि मंडावी, ज्योति देवांगन, रश्मि गोस्वामी, रितु वर्मा, गीता नेताम, भारती शर्मा,किरन वर्मा,रुमेश्वरी सिन्हा ओमप्रकाश सेठिया अहम भूमिका निभाई।
कक्षा 12 वी की छात्रा कु.संतोषी बघेल को प्राचार्य बनाया गया और शिक्षक के रूप में मंजीत दीवान, युवराज कश्यप,विकाश ठाकुर,भावना बंधैया,मनबती नेताम,भादू राम,जनकदई बघेल ,दयावती कश्यप,मानकू राम,गनसू राम,दीपक दीवान,संतोषी बघेल व उर्मिला यादव ने पठन पाठन का अनुभव लिया।वास्तव में शिक्षक के ऊपर देश की बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है।आज के विद्यार्थी ही कल के भविष्य है और इन्ही भविष्य को गढ़ने के लिए शिक्षक अपनी पूरी शक्ति लगा देता है।शिक्षक के लिए प्रत्येक विद्यार्थी महत्वपूर्ण है।छात्रों में से कोई साइंटिस्ट, डॉक्टर,सैनिक,इंजीनियर जैसे विभिन्न पदों पर पहुंचकर देश की बागडोर को सम्हालेंगे।रचनात्मक पढ़ाई से विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास होता है।
प्राचार्य टी.पी जोशी ने विद्यार्थी जीवन मे समय के महत्व को समझाया।छात्र जीवन हरेक व्यक्ति के लिए अविस्मरणीय होता है वास्तव में जिन्दगी के संघर्षों के लिए हमें मजबूत और ज्ञानवान बनाता है।बीता हुआ समय कभी वापिस नही आता इसीलिए समय के महत्व को समझना जरूरी है।उन्होंने आगे स्वास्थ्य के लिए भी सभी को जागरूक करते हुए टीकाकरण के महत्व को भी समझाया ।सभी विद्यार्थियों द्वारा कोरोना टीकाकरण तिहार 12 दिसंबर के लिए रैली निकाली गई।मानव अधिकार श्रृंखला बनाकर सभी को प्रेरित किया गया।