एक छात्रा के लिए 70 सीट वाली नाव चलाई ताकि छात्रा अपनी परीक्षा दे सके…नाव छात्रा की परीक्षा खत्म होने का इंतजार करती और फिर शाम को चार बजे उसे वापस घर छोड़ देती थी…

केरल राज्य जल परिवहन विभाग (एसडब्ल्यूटीडी) ने शुक्रवार और शनिवार को केवल एक यात्री के लिए 70 सीट वाली नाव चलाई ताकि छात्रा अपनी परीक्षा दे सके। इसके लिए अलप्पुझा जिले के एमएन ब्लॉक से कोट्टायम जिले के कांजीराम तक की राउंड ट्रिप (आना-जाना) की गई। जब से लॉकडाउन शुरू हुआ है तब से कुट्टनाद क्षेत्र में यात्री नौकाओं के संचालन पर रोक लगी हुई थी।

जब एचएससी की परीक्षा के लिए नई तारीखों का एलान हुआ तो 17 साल की छात्रा सैंड्रा बाबू को लगा था कि वह परीक्षा नहीं दे पाएगी। सैंड्रा के माता-पिता दिहाड़ी मजदूर हैं। उसने कहा, ‘मुझे लगा कि मेरी परीक्षाएं छूट जाएंगी क्योंकि मेरे पास अपने स्कूल पहुंचने का कोई साधन नहीं था। फिर मैंने एसडब्ल्यूटीडी के कार्यालय में संपर्क किया और उन्हें अपनी मजबूरी बताई। उन्होंने मेरी परिस्थिति को समझा और नाव भेजने का वादा किया। मुझे एसडब्ल्यूटीडी पर गर्व है और मुझे नहीं पता कि मैं अपनी खुशी कैसे जाहिर करूं।’

अकेली यात्री होने के बावजूद नाव में सभी क्रू सदस्य मौजूद थे। नाव ने दोनों दिन 17 साल की सैंड्रा को उसके घर के पास से सुबह 11.30 बजे पिक किया और 12 बजे एसएनडीपी हायर सेकेंडरी स्कूल छोड़ा। जल परिवहन ने अपने इस कदम से लोगों की सद्भावना हासिल की है। नाव छात्रा की परीक्षा खत्म होने का इंतजार करती थी और फिर शाम को चार बजे उसे वापस घर छोड़ देती थी।

एसडब्ल्यूटीडी के अधिकारी जापान की उस घटना से अंजान थे जहां एक दूरस्थ रेलवे स्टेशन को तीन साल तक केवल एक यात्री के लिए खुला रखा गया था। इस स्टेशन से एक छात्रा अपने स्कूल आती-जाती थी। उसकी पढ़ाई न छूटे इसलिए यह कदम उठाया गया था। ठीक इसी तरह सैंड्रा के लिए एसडब्ल्यूटीडी द्वारा किए गए इस काम की लोग तारीफ कर रहे हैं।

एसडब्ल्यूटीडी के निदेशक शिवाजी वी नायर ने कहा कि जब सैंड्रा ने उनसे मदद मांगी तो अधिकारियों ने इसपर एक बार भी विचार नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘मेरी बेटी भी एक छात्रा है। हमारी सरकार के साथ-साथ मंत्री ने सेवा के संचालन में अपना पूरा सहयोग दिया। हमने पांच क्रू सदस्यों के साथ नाव भेजी ताकि उसे घर से स्कूल और स्कूल से घर पहुंचाया जा सके।’

अलापुझ्झा इकाई के विभाग अधिकारी संतोष कुमार ने कहा कि बोट इंजन वाली नाव को एक बार की यात्रा के लिए किराए पर लेने का खर्च कम से कम चार हजार रुपये आता है। हालांकि सैंड्रा से इस यात्रा के लिए केवल 18 रुपये लिए गए। दोनों तरफ की यात्रा के लिए उससे केवल नौ-नौ रुपये लिए गए।


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