
तेज धूप में यातायात पुलिस जवानों को ड्यूटी करते देखकर बना दिया सौर छतरी (डिजिटल अम्ब्रेला)…23 वर्षीय छात्र अदीब मंसूरी…डिजिटल अम्ब्रेला में मोबाइल चार्जर और सोलर मिनी फैन भी लगे है…आइये जाने अदीब मंसूरी के मिशन अम्ब्रेला को…
कमलेश यादव:आवश्यकता अविष्कार की जननी होती है।आज हम बात करेंगे 23 साल के ऐसे युवा की जिसने तीखी धूप में खड़े पुलिस जवानों के दर्द को महसूस किया है। जवान इतनी गर्मी में अपनी ड्यूटी करते है ताकि यातायात हम सबके लिए परेशानी का सबब ना बने,हालांकि यह उनका कर्त्तव्य है,लेकिन ड्यूटी में सपोर्ट करने वाले संसाधन प्राप्त करना उनका अधिकार भी है।नवाचारी युवक अदीब मंसूरी,उम्र 23 वर्षीय, मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई हाल ही में कम्प्लीट किया है।जुहापुरा (गुजरात)में रहते है,इन्होंने यातायात पुलिस के सुविधा के लिए निःशुल्क सौर छतरी(डिजिटल अम्ब्रेला)
विकसित किया है।
पिताजी इदरीश मंसूरी हमेशा से ही प्रोत्साहित किये है।अभी जिंदगी की शुरुआत है दोस्तो,रिश्तेदारों सभी लोगो की दुआ के बदौलत सफलता के नए कीर्तिमान और देश के लिए कुछ रचनात्मक करने का जुनून है।अम्मी रुबीना मंसूरी के प्यार के बदौलत ही अनुशासन की शिक्षा मिल पाई है।आगे जर्मनी में मास्टर डिग्री करने की तैयारी है सो पूरा ध्यान जर्मन भाषा सींखने मे है।सभी लोगो का प्यार और विश्वास ही ताकत है।
डिजिटल अम्ब्रेला जो कि सौर ऊर्जा से संचालित होता है जिसके अंदर ,लाइट,फैन,और usb चार्जिंग दिया गया है।यह सभी चीजें सोलर पैनल की मदद से चलता है।यह अम्ब्रेला बड़ी आसानी से एक जगह से दूसरे जगह ले जाया जा सकता है।अम्ब्रेला की साइज 42 इंच की है,वजन भी काफी कम है तकरीबन 10-12 kg।इसमें बैटरी भी जोड़ सकते है।शुरुआत में इसे बनाने के लिए 2 से 3 दिन लगे है।अभी 1 दिन में 3 अम्ब्रेला बन जाता है।
सबसे पहले डिजाइन बनाने के बाद थोड़ा दिक्कत जरूर हो रहा था, लेकिन कालेज के दोस्तो के सहयोग से सब चीजें आसान होता गया।अच्छा लगता है कि हमारे पुलिस जवान,सिक्युरिटी में काम करने वाले लोग,ऐसे जरूरत मंद जो धूप में कई घण्टो से खड़े रहते है।सभी के लिए उपयोग में लाया जा सकता है।यह अम्ब्रेला हल्का और प्रोटेबल होने के वजह से कही भी लगाया जा सकता है।
पूरे भारत मे ऐसे अविष्कार हो जिससे हमारे जवान जो काफी गर्मी में खड़े रहते है सभी को गर्मी से राहत मिल सके।आगे पढ़ाई के साथ साथ कई प्लानिंग है जिसे आप सभी के दुआओ से साकार करना है।बस यही है जिंदगी जीने के लिए ऐसे चीजो का अविष्कार हो ,जो आम आदमी तक बड़ी आसानी से पहुच सके।रोजाना की जिंदगी में उपयोग में लाया जा सके।सत्यदर्शन की पूरी टीम के तरफ से अदीब मंसूरी जी के उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं….