जानें कैसे बन सकते हैं वायु सेना में पायलट; 12वीं पास और ग्रेजुएट के लिए इंट्री ऑप्शन

भारतीय वायु सेना में पायलट बनने के लिए फ्लाईंग ब्रांच में भर्ती होना जरूरी होता है। वायु सेना के फ्लाईंग ब्रांच में फाइटर पायलट, हेलीकॉप्टर पायलट या ट्रांसपोर्ट पायलट के तौर पर देश सेवा का अवसर मिलता है। वायु सेना के फ्लाईंग ब्रांच में लिए इंट्री के लिए अलग-अलग योग्यताओं के अनुसार समय-समय पर भर्ती प्रक्रियाएं आयोजित की जाती हैं। ये भर्ती प्रक्रियाएं हैं – ग्रेजुएट के तौर पर इंट्री और नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) इंट्री। जहां स्नातक स्तर पर संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा हर वर्ष दो बार आयोजित की जाने वाली सम्मिलित रक्षा सेवा परीक्षा (सीडीएसई), नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) इंट्री और एयर फोर्स कॉमन ऐडमिशन टेस्ट (एएफसीएटी या एफकैट) के जरिए फ्लाईंग ब्रांच में शामिल हो सकते हैं तो वहीं, सीनियर सेकेंड्री / हायर सेकेंड्री / इंटरमीडिएट स्तर पर यूपीएससी द्वारा ही वर्ष में दो बार आयोजित की जाने वाली राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) परीक्षा के माध्यम प्रवेश दिया जाता है। आइए इन दोनो ही स्तर की इंट्री के लिए जरूरी योग्यता और चयन प्रक्रिया को समझते हैं।

12वीं पास भारतीय वायु सेना में फाइटर पायलट कैसे बनें?
उच्चतर माध्यमिक स्तर पर फिजिक्स और मैथमेटिक्स विषयों के साथ 10+2 उत्तीर्ण युवा वायु सेना में फाइटर पायलट बनने के लिए वायु सेना के फ्लाईंग ब्रांच में इंट्री दिलाने वाली यूपीएससी की एनडीए परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। एनडीए परीक्षा के लिए आयु सीमा 16.5 वर्ष से 19.5 वर्ष निर्धारित की गयी है। यूपीएससी एनडीए की परीक्षा में सफल घोषित उम्मीदवारों को सर्विसेस सेलेक्शन बोर्ड (एसएसबी) द्वारा आयोजित किये जाने वाले इंटरव्यू राउंड और मेडिकल में सम्मिलित होना होता है। एसएसबी में सफल उम्मीदवारों को उनके मेरिट और एयर फोर्स प्रिफेरेंस के अनुसार एनडीए खड़गवासला में ट्रेनिंग के लिए दाखिला दिया जाता है। इसके बाद एयर फोर्स के ट्रेनिंग बेस पर स्पेशल ट्रेनिंग दी जाती है। सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा करने वाले कैडेट्स को एयर फोर्स में फ्लाईंग ऑफिसर के तौर पर पर्मानेंट कमीशन दिया जाता है, जहां उन्हें एयर फोर्स स्टेशनों पर पायलट के रूप में काम करने का अवसर मिलता है।

इसी प्रकार एनसीसी इंट्री के अंतर्गत उम्मीदवारों एनसीसी के एयर विंग में सी सर्टिफिकेट कम से कम बी ग्रेड में उत्तीण होना चाहिए और न्यूनतम 60 फीसदी अंकों के साथ किसी भी विषय में स्नातक या बीई/बीटेक डिग्री उत्तीर्ण होना चाहिए। उम्मीदवारों की आयु 20 वर्ष से 24 वर्ष के बीच होनी चाहिए। एनसीसी इंट्री के लिए भारतीय वायु सेना द्वारा वर्ष में दो बार जून और दिसंबर माह के दौरान रोजगार समाचार में विज्ञापन दिया जाता है। एनसीसी इंट्री से चयनित पुरुष या महिला कैडेट्स को प्रशिक्षण के बाद फ्लाईंग ब्रांच में फ्लाईंग ऑफिसर के तौर पर नियुक्ति दी जाती है।

ग्रेजुएट भारतीय वायु सेना में फाइटर पायलट कैसे बनें?
बात करें स्नातक उत्तीर्ण युवाओं की तो ग्रेजुएट उम्मीदवार यूपीएससी की सीडीएस परीक्षा, एनसीसी स्पेशल इंट्री और एएफकैट परीक्षा के माध्यम से में फ्लाईंग ब्रांच में इंट्री पा सकते हैं। सीडीएस परीक्षा के लिए यूपीएससी द्वारा वर्ष में दो बार अगस्त और नवंबर माह में विज्ञापन निकाला जाता है। सीडीएस परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए उम्मीदवारों को 10+2 स्तर पर फिजिक्स और मैथमेटिक्स विषय पढ़े होने के साथ-साथ किसी भी विषय में स्नातक होना चाहिए या बीई/बीटेक उत्तीर्ण होना चाहिए। उम्मीदवारों की आयु 20 वर्ष से 24 वर्ष के बीच होनी चाहिए। सीडीएस परीक्षा में सफल घोषित उम्मीदवारों को एनडीए की तरह की एसएसबी के इंटरव्यू और मेडिकल से गुजरना होता है और फिर मेरिट और एयर फोर्स प्रिफेरेंस के अनुसार ट्रेनिंग एकेडेमी में प्रवेश दिया जाता है। सफलता पूर्वक प्रशिक्षण के बाद फ्लाईंग ऑफिसर के तौर पर पर्मानेंट कमीशन दिया जाता है, जहां उन्हें एयर फोर्स स्टेशनों पर पायलट के रूप में काम करने का अवसर मिलता है।

स्नातकों के लिए एयर फोर्स के फ्लाईंग ब्रांच में फ्लाईंग ऑफिसर बनने का तीसरा ऑप्शन है एयर फोर्स कॉमन ऐडमिशन टेस्ट यानि एफकैट। एफकैट इंट्री से उम्मीदवारों को वायु सेना में अधिकतम 14 वर्ष के लिए शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएसीसी) दिया जाता है। एफकैट परीक्षा के लिए विज्ञापन वायु सेना द्वारा जून और दिसंबर में रोजगार समाचार में निकाला जाता है। फ्लाईंग ब्रांच के लिए योग्यता न्यूनतम 60 फीसदी अंकों के साथ किसी भी विषय में स्नातक या बीई/बीटेक डिग्री उत्तीर्ण है। उम्मीदवारों की आयु 20 वर्ष से 24 वर्ष के बीच होनी चाहिए।


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