
*सोशल डिस्टेन्स की गजब कहानी…* कोरोना संकट के समय उमड़ी शराबियों की भीड़…संपूर्ण छत्तीसगढ़ में उठ रही शराबबंदी की मांग…
रायपुर:-दर्द और दवा एक दूसरे के पूरक होते है लेकिन समस्या तब गम्भीर हो जाती है जब देने वाला एक ही हो।आज हम बात करेंगे करोड़ो लोगो के जेहन में दबे हुए दर्द की जिसे सुनने वाला ही कालांतर से मौन है।कई सरकारें आई और गई लेकिन यह मुद्दा यथावत है।जी हां वही पुराना मुद्दा शराबबंदी।कोरोना संकट के समय फिर से शराब दुकान खोलने का आदेश निश्चित ही चिंताजनक है।आज हम सभी जिंदगी और मौत के वो दोराहे में खड़े है जिसे सावधानी और सतर्कता ही बचा सकता है।लॉकडाउन के तीसरे चरण में कुछ रियायतें मिली है लेकिन खतरा टला नही है।आचार्य चाणक्य कहते हैं कि हमें हमेशा दूसरों की गलतियों से सीखना चाहिए. अगर हम खुद पर प्रयोग करके अपनी गलतियों से सीखेंगे तो इसके लिए उम्र कम पड़ जाएगी।
रायपुर
छत्तीसगढ़ के सभी जिलों से शराब दुकान खुलने का विरोध हो रहा है।कई सामाजिक संगठन और आम जनता अपनी आवाज उठा रहे है।कबीरपंथी समाज बालोद जिले के युवा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष हेमन्त साहू जी ने भी कड़े शब्दों में इसका विरोध किया है।राजनांदगांव से टीलेन्द्र साहू ने भी कहा है कि कम से कम अभी के समय यह दुकान नही खुलनी चाहिए।बिलासपुर से सन्दीप राठौर ने भी सरकार से गुजारिश की है कि शराबबंदी हर हाल में होनी चाहिए।भिलाई के रहने वाले शिक्षा क्रांति के जनक श्री मनोज स्वाईं जी ने तो गम्भीर चिंता जताई है।रायपुर से युवा अभिषेक यादव पहले से शराबबंदी के मुहिम में जुड़कर लोगो को समझाइश दे रहे है।
पाटन
मीडिया के माध्यम से हमे देश दुनियां के बारे में पता चलता है।कितनी अधिक मौते कोरोना वायरस के चलते हो रहा है।लॉक डाउन के स्थिति में भी यह हॉल है आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है।अगर सोशल डिस्टेन्स का कड़ाई से पालन नही हुआ तो भविष्य का वो भयावह तस्वीर की कल्पना करना ही मुश्किल है।शराब दुकानों में भीड़ कैसे नियंत्रण होगा।और पिये हुए व्यक्ति से नियम का पालन करवाना वह तो और भी मुश्किल है।सरकार को इस विषय पर दोबारा विचार करने की जरूरत है।नही तो आने वाला भविष्य हमको जरूर सवालों के कटघरे में खड़े करेगा।
(राजनांदगांव)
छत्तीसगढ़ के विभिन्न हिस्सों से सुबह से शराब दुकानों में भीड़ जमा हो रहा है।कोरोना वायरस जैसे संकट के समय लोगो का भीड़ पूरे जनता के लिए समस्या है इसे हल्के में लेना सही नही है।सरकार के हर फैसले में लोगो का साथ रहा है लेकिन लॉक डाउन की स्थिति में शराबबन्दी होनी ही चाहिए।बहरहाल समस्या के जड़ो तक जाना जरूरी है।तभी कोरोना जैसे महामारी से बचा जा सकता है।