40 वर्षों से चली आ रही मिट्टी के बर्तनों की “मुन्नी मटकी वाली” की दुकान में कढ़ाई,बोतल, हांड़ी,गुल्लक सहित कई चीज़ें बहुत ही आसानी से मिल जाती है…पढ़िए इस दुकान को संचालित करने वाली महिलाशक्ति मुन्नी साहू की प्रेरणादायी कहानी

कमलेश यादव : शहर के व्यस्ततम सड़को में से एक राजनांदगाँव जिले का जयस्तम्भ चौक यहां प्रतिदिन सैकड़ो की संख्या में लोगों की आवाजाही होती है।बाजार में रखे जरूरत के विभिन्न सामानों से सजे दुकान सहसा ही अपनी ओर आकर्षित करती है।तभी हल्की सी आवाज सुनाई देती है मटका ले लो…गुल्लक ले लो…मिट्टी के दिए ले लो।दुकान में बैठी मुन्नी मटकी वाली से मुलाकात होती है।जी हां मुन्नी साहू उम्र तकरीबन 63 साल लेकिन उत्साह में कोई कमी नही।तकरीबन 40 वर्षों से तीन पीढियां इस दुकान को संचालित कर रही है।आर्टिफिशियल सामानों के दौर में आज भी मिट्टी से बनी बर्तनों की काफी डिमांड है।

सत्यदर्शन लाइव से बातचीत में मुन्नी साहू बताती है कि उनकी माँ स्व.श्यामबती साहू द्वारा मिट्टी से बने सामानों की छोटी सी दुकान शुरू की गई थी।धीरे धीरे वह स्वयं इस दुकान में बैठना शुरू की अब उसकी बहु रेणु साहू ज्यादातर इस दुकान को सम्हालती हैं।हालांकि कई बार तो ऐसा भी हुआ है कि दुकान में बोहिनी भी नही हुआ कोई खरीदार भी नही आया फिर भी हिम्मत नही हारी।एक नई आशावाद सुबह की आस में निरन्तर कार्य मे लगे रही।आज परिवार की आजीविका इस दुकान के ऊपर ही निर्भर है।

मिट्टी के बर्तन अरसे से भारतीय घरों का हिस्सा रहे हैं। गर्मियों में सुराही के पानी का वह स्वाद,जिसने न केवल हमारी प्यास बुझाई, बल्कि बचपन में न जाने कितनी बार हमें सुकून भी दिया है। मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल न सिर्फ़ पानी रखने के लिए, बल्कि खाना पकाने के लिए भी किया जाता रहा है।

समय के साथ मॉडर्न और इलेक्ट्रिक उपकरणों का चलन बढ़ा, लेकिन मिट्टी के बर्तन का महत्त्व आज भी उतना ही है। आज भी छोटे कस्बों और शहरों में लोग मिट्टी के तवे पर रोटी पकाते हैं। बाज़ार में मिट्टी के बर्तनों की मांग हमेशा रहेगी।समय चाहे जो भी हो मिट्टी के बने बर्तन के उपयोग करने वाले हमेशा रहेगें।

मुन्नी साहू की दुकान में मिट्टी से बनी धूपदानी गुल्लक घड़ा,सुराही,काला हंडी,कढ़ाई,गमला,कलाकृति वाली कलश उपलब्ध हैं।महिलाशक्तियो द्वारा संचालित यह दुकान ग्राहकों को उचित दाम पर मिट्टी से बने उत्पाद उपलब्ध कराते हैं।प्लास्टिक की बोतल और नॉन स्टिक बर्तनों से होते नुक़सान को जानने के बाद बाज़ार में मिट्टी के बने बर्तन काफ़ी बिकने लगी हैं। हम सभी के सेहत के लिए फ़ायदेमंद हैं।

मिट्टी से बने उत्पाद बचपन की अमिट यादों की याद दिलाती है जो हमारे जिंदगी से सीधे रूप से जुड़ी हुई है।प्रकृति की सुंदरता इन बर्तनों में है।पीढ़ियों से चली आ रही फूलदान कटोरे प्लेटें ऐसी संपत्ति है जिसे आज भी वैसी ही उपयोग में लाया जाता है जैसे बीतें हुए कल में।आप भी मिट्टी के बने सामानों की खरीदारी करना चाहते है तो मुन्नी मटकी वाली की दुकान में जरूर पधारे।

(यदि आपके पास भी कुछ विशेष लेख या जानकारी है तो satyadarshanlive@gmail.com पर लिखे या 7587482923 में मैसेज करें)


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