एक कदम बेहतर भविष्य की ओर… पर्यावरण प्रेमी वीरेंद्र सिंह लोगों को पंचतत्वों पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश का महत्व बताकर प्रेरित कर रहे हैं
कमलेश यादव : छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के वीरेंद्र सिंह जी एक ऐसे प्रेरक व्यक्ति हैं, जिन्होंने प्रकृति और समाज के बीच संतुलन स्थापित करने के लिए अपार मेहनत की है। वे न केवल तालाबों की सफाई करते हैं, बल्कि नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाने के साथ-साथ जंगलों के संरक्षण के लिए भी काम करते हैं।
वीरेंद्र सिंह जी का जीवन हमेशा से ही एक संघर्ष रहा है। वर्तमान में पानी की कमी और जंगलों की अंधाधुंध कटाई जैसी समस्याएं अत्यधिक जटिल है। वीरेंद्र जी ने महसूस किया कि अगर हम अपनी प्राकृतिक धरोहर को बचाना चाहते हैं, तो हमें प्रकृति के साथ तालमेल बैठाने की आवश्यकता है।उन्होंने सबसे पहले तालाबों की सफाई का काम शुरू किया। वे गांव-गांव जाकर तालाबों की सफाई करते थे और वहां के लोगों को जल संरक्षण से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें समझाते थे। उनका मानना था कि तालाबों की सफाई से न केवल जल समस्या का समाधान होगा बल्कि पर्यावरण की स्थिति भी सुधरेगी।
नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाने का भी उनका एक खास प्रयास है। वीरेंद्र जी ने गांवों में नशे के दुष्परिणामों के बारे में जानकारी दी और युवाओं को नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित किया। उनके प्रयासों के कारण कई युवाओं ने नशे की आदतें छोड़ दी और एक स्वस्थ जीवन जीने की दिशा में कदम बढ़ाया।
वीरेंद्र जी ने जंगलों के संरक्षण के लिए भी कई पहल की। उन्होंने वृक्षारोपण अभियान चलाए और गांववासियों को पेड़-पौधों की महत्ता समझाई। उन्होंने जंगलों की अंधाधुंध कटाई को रोकने के लिए स्थानीय लोगों से संवाद किया और उन्हें प्राकृतिक संसाधनों का समझदारी से उपयोग करने के लिए प्रेरित किया।
वीरेंद्र सिंह जी की का जीवन प्रकृति के प्रति उनके समर्पण को दर्शाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि अगर हम सभी मिलकर काम करें, तो हम अपने पर्यावरण और समाज को बेहतर बना सकते हैं। प्राकृतिक संसाधनों के प्रति जागरूकता और संरक्षण से ही हम एक बेहतर भविष्य की ओर कदम बढ़ा सकते हैं।