बावड़ी घाट: प्रकृति की गोद में जल-जंगल का अद्भुत एडवेंचर

डॉ. विश्वनाथ देवांगन : बस्तर की वादियों की खूबसूरती से हर कोई परिचित है। यहाँ की प्राकृतिक छटा और सांस्कृतिक धरोहरें पर्यटकों को बार-बार अपनी ओर खींचती हैं। इसके साथ ही, यहाँ की सांस्कृतिक धरोहरें, जैसे कि आदिवासी परंपराएं, उत्सव, नृत्य, और शिल्पकला, अपने आप में एक अनमोल विरासत हैं। आज हम पढ़ेंगे खूबसूरत पर्यटन स्थल बावड़ी घाट के बारे में।

बावड़ी घाट का परिचय
कोंडागांव से नारायणपुर मुख्य मार्ग पर ग्राम पंचायत बुनागांव से बयानार मार्ग पर लगभग 13 किमी दूर स्थित ग्राम मड़ागांव के पास भंवरडीह नदी के तट पर बावड़ी घाट स्थित है। यह पर्यटन स्थल मनोरम प्राकृतिक दृश्य, विशाल पत्थरों, लहराती धाराओं और हरियाली से भरपूर है। यह स्थान पिकनिक और सैर-सपाटे के लिए एक आदर्श गंतव्य है, जो भीड़भाड़ से दूर शांत वातावरण में प्रकृति के करीब रहने का अनुभव प्रदान करता है।

बावड़ी घाट की विशेषताएँ
प्राकृतिक सौंदर्य:
रेतीले टीले, हरे-भरे जंगल और भंवरडीह नदी की शांत धाराओं के बीच स्थित यह घाट हर मौसम में आकर्षक रहता है। विशाल पत्थरों के बीच बहती नदी पर्यटकों को अलौकिक अनुभव कराती है।

पिकनिक और एडवेंचर:
बावड़ी घाट पर आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ पिकनिक का आनंद ले सकते हैं। जल और जंगल के बीच के रोमांचकारी दृश्य इसे एक उत्कृष्ट एडवेंचर स्थल बनाते हैं।

पहुंच का मार्ग:
कोंडागांव जिला मुख्यालय से लगभग 23 किमी दूर स्थित यह घाट बस्तर की प्राकृतिक छवि को और निखारता है। कोंडागांव से नारायणपुर मुख्य मार्ग पर 10 किमी ग्राम पंचायत बुनागांव और फिर बयानार मार्ग पर 13 किमी आगे ग्राम मड़ागांव के आश्रित ग्राम बावड़ी से 500 मीटर की दूरी पर यह स्थल स्थित है।

यहां क्या करें?
नदी के किनारे बैठकर शांत वातावरण का आनंद लें।घने जंगलों की सैर करें और बस्तर की जैव विविधता को महसूस करें।
विशाल पत्थरों और लहरों के बीच प्राकृतिक सौंदर्य को कैमरे में कैद करें।

बावड़ी घाट एक ऐसा स्थान है, जहां प्रकृति के सौंदर्य और रोमांच का अनुभव एक साथ किया जा सकता है। यह स्थान हर प्रकृति प्रेमी और एडवेंचर के शौकीन के लिए अवश्य देखने योग्य है।


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